HC ने राज्य सरकार से पूछा- सरकारी वकीलों की नियुक्ति में SC के निर्देशों का पालन क्यों नहीं

न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह तीन सप्ताह में विस्तृत हलफनामा दाखिल कर बताए कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन क्यों नहीं किया गया व 30 मार्च 2016 के बाद क्या हाईकोर्ट या अधीनस्थ न्यायालयों में किसी नियुक्ति का नवीकरण किया गया है।

Update:2017-03-02 21:21 IST

लखनऊ: हाईकेार्ट ने मुकदमों की पैरवी के लिए स्वयं हाई कोर्ट व इसके अधीनस्थ न्यायालयों में सरकारी वकीलों की नियुक्ति में राज्य सरकार के रवैये पर सख्त रुख अख्तियार किया है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि इस सम्बंध में सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट दिशा-निर्देश होने के बावजूद उस पर अमल क्यों नहीं किया गया।

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं

-यह आदेश जस्टिस एपी साही और जस्टिस संजय हरकौली की बेंच ने जनशक्ति सेवा संस्थान के अध्यक्ष गौरव गुप्ता की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया।

-याचिका में कहा गया था कि उच्च न्यायालय व अधीनस्थ न्यायालयों में सरकारी वकीलों की नियुक्ति पंजाब सरकार व अन्य बनाम बृजेश्वर सिंह व अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए दिशा-निर्देशों के अनुसार नहीं की जा रही है।

-वहीं राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इस विषय पर पूर्व में इलाहाबाद में जनहित याचिका दाखिल हो चुकी है।

-बेंच ने पाया कि उक्त याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने आश्वासन दिया था कि शीर्ष अदालत के निर्णय का अनुपालन किया जाएगा।

सरकार से मांगा जवाब

-कोर्ट ने बलरामपुर जिले के एक मामले का जिक्र किया जिसमें 60 वर्ष से अधिक उम्र के एक अधिवक्ता को अपर जिला शासकीय अधिवक्ता पद पर सेवा विस्तार दे दिया गया था।

-न्यायालय ने कहा इस मामले में 3 जनवरी 2017 को नियुक्ति पत्र जारी किया गया जबकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश 30 मार्च 2016 का है व राज्य सरकार द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट में 13 दिसम्बर 2016 को दिशा-निर्देशों का पालन करने का आश्वासन दिया गया था।

-कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि उसके आश्वासन का आखिर क्या परिणाम निकला। क्या शीर्ष अदालत के निर्णय के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया की समीक्षा की गई।

-न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह तीन सप्ताह में विस्तृत हलफनामा दाखिल कर बताए कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पालन क्यों नहीं किया गया व 30 मार्च 2016 के बाद क्या हाईकोर्ट या अधीनस्थ न्यायालयों में किसी नियुक्ति का नवीकरण किया गया है।

Tags:    

Similar News