इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने कब्रिस्तान में शौचालय बनाने के खिलाफ दाखिल एक याचिका पर सुनवाई के बाद शनिवार को आदेश दिया है कि शौचालयों की सुविधाएं प्रदेश के हरेक कब्रिस्तानों में की जानी चाहिए। कोर्ट का कहना है कि यह सुविधा इस कारण जरूरी है क्योंकि एक ही समय में बहुत बड़ी संख्या में लोग जनाजे में शरीक होते हैं।
शौचालय निर्माण के खिलाफ दायर हुई थी याचिका
यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले व जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने अब्दुल रज्जाक व कई अन्य की तरफ से शौचालय निर्माण के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया। याचिका दायर कर नगर पालिका पालिका परिषद, कोंच जालौन द्वारा कब्रिस्तान में शौचालय बनाने का यह कहते हुए विरोध किया गया था कि इससे वहाँ कि कब्रों को नुकसान होगा तथा यह कदम जनभावना के खिलाफ है।
कोर्ट ने इस जनहित याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया कि यह तो हरेक कब्रिस्तानों में होना चाहिए और यह सुविधा जनहित में है न कि जनहित विरोधी है| परन्तु कोर्ट ने कहा है कि शौचालयों का निर्माण करते समय यह जरूर देखा जाए कि इससे वहां गये लोगों को कोई असुविधा न हो तथा कब्रों को कोई नुकसान न होने पाये। यह कहते हुए अदालत ने इस जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है।