Kannauj News: विकास कार्य न होने से 7 दिन से धरने पर बैठे लोगों में रोष, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी
Kannauj News: रानी मिश्रा ने कहा कि जब तक समस्या का निस्तारण नहीं होगा हम लोग किसी के पक्ष में भी मतदान नहीं करेंगे।
Kannauj News: कन्नौज शहर के मोहल्ला कृष्णा नगर अकबरपुर सरायघाघ आशा होटल के सामने विकास कार्य को लेकर नागरिकों में रोष व्याप्त है। नागरिकों का लगातार सातवें दिन भी धरना प्रदर्शन जारी है। आज यानि शुक्रवा को मोहल्ले के लोगों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए शासन प्रशासन को आगे यदि समस्याओं का निस्तारण न किया गया तो आंदोलन और उग्र हो जाएगा।
इस मौके पर गिरीश चंद्र दुबे ने कहा कि हम लोग नगर पालिका का जलकर गृहकर आदि का भुगतान कर रहे हैं। हमारे प्लाटों की रजिस्ट्री में विकास शुल्क भी लिया गया है, फिर मोहल्ले को विकास से अछूता क्यों रखा गया। अभी तक कोई विकास कार्य क्यों नहीं करवाए गए। राजेश कुमार यादव ने कहा कि विगत 15 वर्षों से मकान बनाकर मोहल्ले में रह रहे हैं, लेकिन निकलने बैठने तक की सुविधा नहीं है। पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है। बरसात में घुटनों तक पानी भर जाता है कीचड़ और गंदगी में रहने को विवश हैं।
अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी नहीं हुआ समाधान
लोकेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि वर्ष 2012 से मकान बनाकर रह रहे हैं। लेकिन, न निकलने की सुविधा है ना पेयजल की व्यवस्था है। जल निकासी की भी व्यवस्था नहीं है, जिस कारण सभी लोग नालियों का पानी घरों के बाहर एकत्र करते हैं, जिससे गंदगी और संक्रामक रोग फैलने की भीषण संभावना बनी रहती है। कई बार जनप्रतिनिधियों व आला अफसर को समस्या से अवगत कराया गया। लेकिन, आज तक कोई निस्तारण नहीं हुआ। रानी मिश्रा ने कहा कि जब तक समस्या का निस्तारण नहीं होगा हम लोग किसी के पक्ष में भी मतदान नहीं करेंगे। रवि शंकर शुक्ला ने कहा कि हम लोग भीषण समस्याओं से जूझ रहे हैं और आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया। मजबूर होकर हम लोग मतदान बहिष्कार कर रहे हैं। इसके लिए शासन प्रशासन जिम्मेदार है। रजनी त्रिपाठी ने कहा कि चुनाव के टाइम नेता लोग वोट मांगने आ जाते हैं और उसके बाद नजर नहीं आते हैं।
इस मौके पर रवि शंकर शुक्ला, गिरीश चंद दुबे, राजेश कुमार यादव, सज्जन देवी, राजेश तिवारी, विपिन यादव, पवन गुप्ता, रितेश चतुर्वेदी, सेवा चतुर्वेदी, रजनी त्रिपाठी, रानी मिश्रा, लोकेश कुमार त्रिपाठी सहित सैकड़ो महिला पुरुष मौजूद रहे।