Hijab Controversy: अलीगढ़ के डीएस कॉलेज में बिना निर्धारित यूनिफॉर्म के छात्रों के प्रवेश पर रोक

Hijab Controversy: कर्नाटक हाई कोर्ट ने बीते समय में इस मामले पर अपने विचार स्पष्ट करते हुए कहा था कि शैक्षिक संस्थानों में निर्धारित यूनिफॉर्म का ही सर्वाधिक महत्व होता है।

Written By :  Rajat Verma
Published By :  Monika
Update:2022-02-18 08:26 IST

बिना निर्धारित यूनिफॉर्म के छात्रों के प्रवेश पर रोक (photo : social media )

Hijab Controversy: कर्नाटक (Karnataka) में शुरू हुआ हिजाब प्रकरण  (Hijab Controversy) और उसके पश्चात अधिकतम लोगों द्वारा की गई शैक्षिक संस्थानों में निर्धारित यूनिफॉर्म (uniform)  के चलते ही प्रवेश देने की मांग का मुद्दा अब धीरे-धीरे समूचे भारत में पहुंच गया है।

कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) ने बीते समय में इस मामले पर अपने विचार स्पष्ट करते हुए कहा था कि शैक्षिक संस्थानों में निर्धारित यूनिफॉर्म का ही सर्वाधिक महत्व होता है।ऐसे में इस टिप्पणी के बाद से समस्त स्कूलों और कॉलजों में निर्धारित यूनिफॉर्म के अतिरिक्त विशेष रूप से कोई भी अन्य कपड़े के साथ प्रवेश नहीं दिया जा रहा है।अब ऐसी ही एक जानकारी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से सामने आ रही है। अलीगढ़ स्थित डीएस कॉलेज प्रबंधन ने बिना निर्धारित यूनिफार्म के कॉलेज में छात्रों के प्रवेश पर रोक लगा दी है।

ढके हुए चेहरों के साथ कॉलेज में प्रवेश की अनुमति नहीं 

इस मामले में मीडिया से मुताबिक होते समय अपनी राय स्पष्ट करने के उद्देश्य डीएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राज कुमार वर्मा ने कहा कि-"हम किसी भी रूप में छात्रों को ढके हुए चेहरों के साथ कॉलेज परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देंगे। इसके अनुरूप कॉलेज के छात्रों को कॉलेज परिसर के भीतर भगवा गमछा या हिजाब पहनने की अनुमति नहीं है।"

इस निर्णय के माध्यम से यह साफ है कि बीते समय में कर्नाटक में शुरू हुआ हिजाब प्रकरण अब देश के एमी राज्यों तक भी अपने पैर पसार रहा है।

गेट पर चस्पा किया निर्देश

डीएस कॉलेज प्रबंधन ने इस विषय को लेकर कॉलेज के गेट पर एक निर्देश चस्पा किया है, जिसमें साफ तौर पर लिखा है कि-"महाविद्यालय के समस्त संस्थागत छात्र एवं छात्राओं को सूचित किया जाता है कि वे महाविद्यालय की निर्धारित ड्रेस में ही आएं। निर्धारित ड्रेस में ना होने पर उन्हें महाविद्यालय में प्रवेश से वंचित रखने के लिए महाविद्यालय प्रशासन को विवश होना पड़ेगा, जिसकी पूर्ण ज़िम्मेदारी सम्बंधित छात्र/छात्रा की होगी।"

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