सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री के खिलाफ हिंदू संगठनों ने किया प्रदर्शन

केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के पूजा करने के पक्ष में कोर्ट की ओर से दिए गए फैसले पर हिंदूवादी संगठनों ने आक्रोश जताते प्रदर्शन किया। उन्होंने फैसले को धार्मिक रीतिरिवाजों में दखलंदाजी बताते हुए निंदा की।

Update: 2019-02-13 13:55 GMT

बहराइच: केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के पूजा करने के पक्ष में कोर्ट की ओर से दिए गए फैसले पर हिंदूवादी संगठनों ने आक्रोश जताते प्रदर्शन किया। उन्होंने फैसले को धार्मिक रीतिरिवाजों में दखलंदाजी बताते हुए निंदा की। लोगों का कहना है कि कोर्ट व केरल की सरकार मंदिर की पवित्रता को खत्म करने की साजिश कर रही है।

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कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित धरना स्थल पर बुधवार को विश्व हिंदू परिषद जागरण मंच व आरएसएस के अनुषांगिक संगठनों ने सबरीमाला मंदिर में 10 साल से 50 साल की महिलाओं व लड़कियों के न प्रवेश करने की धार्मिक मान्यता के खिलाफ कोर्ट के फैसले और केरल सरकार की ओर से दबाव बनाकर बाहर की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश कराने की निंदा करते हुए जमकर प्रदर्शन किया।

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इस मौके पर प्रदर्शन में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए राजकिशोर सिंह ने कहा लगातार हमारी आस्थाओं पर प्रहार करने का कुचक्र रचा जा रहा है। कोर्ट राममंदिर समेत अन्य संवेदनशील मसलों पर कोई फैसला नहीं देता, लेकिन सबरीमाला मंदिर में सैकड़ों साल से चली आ रही सनातन परंपरा के खिलाफ तत्काल फैसला देकर हमारे धार्मिक मामलों में बेवजह का हस्तक्षेप करने के लिये आतुर रहता है।

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उन्होंने कहा कि इतना ही नही केरल की वामपंथी सरकार को जब प्रदेश में कोई महिला नहीं मिली तो फैसले की आड़ में बाहर से महिलाओं को बुलाकर मंदिर में प्रवेश कराने का काम कर रही है। जल्द ही अगर इसपर रोक न लगी तो पूरे देश में आंदोलन करने के लिये बाध्य होना पड़ेगा।

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