102 वर्षीय बुजुर्ग की की हुई ये खतरनाक सर्जरी देखने वाले हुए हैरान

रेडियस ज्वाइंट सर्जरी हॉस्पिटल में 102 साल के बुजुर्ग की हिप (कूल्हा) और कलाई की सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। रेडियस ज्वांइट सर्जरी हॉस्पिटल के मुख्य सलाहकार और सीनियर ऑर्थोपेडिक डॉक्टर संजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि फैजाबाद निवासी एस. आर. खान के बॉये कूल्हे की हड्डी टूट गई थी।

Update:2019-08-26 21:06 IST

लखनऊ। चिकित्सा के क्षेत्र में आए दिन नए कीर्तिमान रचे जाते रहते हैं। लेकिन इनमें से कई मामले असाधारण श्रेणी में आ जाते हैं इन मामलों में सामान्य चिकित्सक हाथ लगाने से भी कतराने लगते हैं। लेकिन कहते हैं कि डाक्टर इस कलयुग में भगवान का दूसरा रूप है। यदि वह एक बार ठान ले तो कुछ भी असंभव नहीं। ऐसा ही मामला लखनऊ में सामने आया है। रेडियस ज्वाइंट सर्जरी हॉस्पिटल में 102 साल के बुजुर्ग की हिप (कूल्हा) और कलाई की सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। रेडियस ज्वांइट सर्जरी हॉस्पिटल के मुख्य सलाहकार और सीनियर ऑर्थोपेडिक डॉक्टर संजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि फैजाबाद निवासी एस. आर. खान के बॉये कूल्हे की हड्डी टूट गई थी।

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हिलना डुलना भी हो जाता मुश्किल

मरीज की उम्र 102 साल होने के कारण डाक्टरों के लिए यह सर्जरी काफी चुनौतीपूर्ण थी। अगर सर्जरी न कराई जाती तो मरीज की हालत धीरे-धीरे और खराब हो जाती और उसका हिलना-डुलना मुश्किल हो जाता।

102 वर्षीय एस. आर. खान काफी बड़े अस्पतालों में सर्जरी के इलाज के लिए गए लेकिन उनकी उम्र को देखते हुए किसी भी अस्पताल द्वारा उन्हें नहीं लिया गया और अंत में वह रेडियस ज्वांइट सर्जरी हॉस्पिटल में आये।

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फेफड़े भी संक्रमित थे

रेडियस ज्वांइट सर्जरी हॉस्पिटल के सीनियर ऑर्थोपेडिक डॉक्टर श्रीवास्तव ने कहा कि वह लंबे समय से फेफड़ों के संक्रमण से भी ग्रसित थे और साथ ही उम्र ज्यादा होने के कारण उसे कुछ अन्य संक्रमण भी थे।

ऐसे में सर्जरी करने के लिये स्पेशल एनिसथिसियॉ का प्रयोग किया गया जिसमें सीधा नसों में इंजेक्शन देकर होने वाले जोखिम को भी काफी कम कर दिया जाता है।

अपने पैरों पर चलेंगे

रेडियस ज्वांइट सर्जरी हॉस्पिटल में सर्जरी के बाद मरीज के टूटी कलाई पर भी प्लास्टर चढ़ाया गया। 45 मिनट तक चली इस सफल सर्जरी के पश्चात मरीज को तीन दिन के लिए अस्पताल में रखा गया। सर्जरी के तीन दिन बाद मरीज की सेहत में सुधार को देखते हुए उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

सीनियर ऑर्थोपेडिक डॉक्टर श्रीवास्तव ने बताया की सर्जरी पूरी तरह से सफल रही और कुछ समय बाद एस. आर. खान अपने पैरों के बल पर चलने भी लगेंगे।

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