20 साल से बाबा का मैनेजमेंट संभाल रहा इनामी सेवादार, इस तरह बन गया सबसे खास, फरार मधुकर का इलाके में काफी रसूख

Hathras Hadsa Update : हाथरस में मंगलवार को सत्संग के बाद हुई भगदड़ में 123 लोगों की मौत के सिलसिले में भोले बाबा के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर की जोरशोर से तलाश की जा रही है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update:2024-07-05 18:08 IST

Hathras Hadsa Update : हाथरस में मंगलवार को सत्संग के बाद हुई भगदड़ में 123 लोगों की मौत के सिलसिले में भोले बाबा के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर की जोरशोर से तलाश की जा रही है। भगदड़ में इतनी ज्यादा संख्या में लोगों की मौत के बाद ही मधुकर परिवार सहित फरार हो गया था। उसके ऊपर एक लाख का इनाम घोषित किया गया है। बाबा की कॉल डिटेल से खुलासा हुआ है कि हादसे के बाद उन्होंने मधुकर से काफी देर तक बातचीत की थी।

पंचायती राज विभाग में नौकरी करने वाला मधुकर करीब 20 साल से बाबा का मैनेजमेंट संभाल रहा है। उसका अपने इलाके में भी काफी रसूख है। कहने को तो वह पंचायती राज विभाग में तैनात है, मगर उसका अधिकांश समय विश्व साकार हरि उर्फ भोले बाबा की सेवा में ही बीतता रहा है। जानकारों का कहना है कि वह बाबा का सबसे करीबी और खास सेवादार है। पुलिस अभी तक उसे नहीं पकड़ सकी है और अब उसके खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी कराने का प्रयास किया जा रहा है।

हादसे के बाद से ही घर पर लटका है ताला

बाबा के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर की तैनाती एटा जिले के शीतलपुर ब्लॉक में है, जहां वह तकनीकी सहायक के पद पर तैनात है। उसे करीब से जानने वाले लोग इंजीनियर साहब के नाम से बुलाते हैं। उसका निवास सिकंदरामऊ की न्यू कॉलोनी दमदपुरा में है और यहां वह अपने पुश्तैनी मकान में रहता है। कॉलोनी के बीच में बने उसके पुश्तैनी घर के गेट पर सत्संग में हुए हादसे के बाद से ही ताला लटका हुआ है। बाहर से देखने पर उसका घर किसी शानदार बंगले जैसा नजर आता है। इलाके में उसके रसूख का आलम यह है कि कोई उसके बारे में खुलकर बोलने को कोई तैयार नहीं है।


20 साल से संभाल रहा बाबा का मैनेजमेंट

मधुकर को करीब से जानने वाले एक शख्स का कहना है कि 45 वर्षीय मधुकर अपने 17 साल के बेटे और पत्नी के साथ पुश्तैनी मकान में रहता है। एटा जिले में पोस्टिंग होने के कारण वह करीब 36 किलोमीटर रोज अप-डाउन करता है। वैसे तो वह पंचायती राज विभाग में तैनात है, मगर इसका अधिकांश समय भोले बाबा की सेवा और खिदमत में ही बीतता है।

उसका बाबा से करीब 20 साल से जुड़ाव है और वह बाबा के सभी कार्यक्रमों में काफी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता रहा है। उसके सेवा भाव को देखते हुए ही बाबा ने उसे अपने सत्संगों का मुख्य आयोजन कर्ता बना रखा है। सत्संग स्थल पर पंडाल बनवाने से लेकर सारी व्यवस्था करने के जिम्मेदारी मधुकर ही संभालता रहा है। हादसे वाले दिन पंडाल में वह बाबा के साथ देखा गया था] मगर हादसे के बाद ही वह फरार हो गया। उसके बाद से उसकी पत्नी और बेटे का भी कोई अता-पता नहीं है और घर पर ताला लटका हुआ है।

परिवार सहित फरार, पुलिस कर रही तलाश

अपनी कॉलोनी के लोगों को बाबा का अनुयायी बनाने में भी देवप्रकाश मधुकर की बड़ी भूमिका रही है। इस कॉलोनी के काफी संख्या में लोग बाबा के अनुयायी हैं। दो जुलाई के सत्संग के दौरान भी मधुकर कॉलोनी से काफी लोगों को गाड़ी में लेकर सत्संग स्थल पर पहुंचा था। पहले तो उसकी पत्नी घर पर ही थी, मगर हादसे के बाद वह भी घर पर ताला डालकर फरार हो गई।

कॉलोनी के लोगों का कहना है कि अब उन्हें मधुकर के ठिकाने की कोई जानकारी नहीं है। दूसरी ओर पुलिस भी मधुकर की जोर-शोर से तलाश करने में जुटी हुई है। मधुकर के ऊपर एक लाख का इनाम घोषित किया जा चुका है। अलीगढ़ रेंज के आईजी शलभ माथुर का कहना है कि मधुकर को गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं। अगर पुलिस को गिरफ्तारी में कामयाबी नहीं मिली तो कोर्ट से मधुकर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कराने का प्रयास किया जाएगा।


इलाके के लोगों की अलग-अलग राय

मधुकर के बारे में इलाके के लोगों की अलग-अलग राय है। वैसे कुछ लोग मधुकर के समर्थन में भी उतर आए हैं। इलाके में रहने वाले छात्र अखिलेश का कहना है कि मधुकर को गलत तरीके से मामले में फंसाया जा रहा है, जबकि दूसरी ओर बाबा पूरी तरह बेखौफ बने हुए हैं। अखिलेश ने कहा कि बाबा को सुनने के लिए ही लोग सत्संग स्थल पर जुटे थे और वे मौके से भाग निकले।

इलाके के एक अन्य युवक विकास ने भी पुलिस और स्थानीय अफसरों की जवाबदेही से बचने की कोशिश पर सवाल उठाए। युवक ने कहा कि आयोजन स्थल पर प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई थी और हादसे के बाद लोगों को स्वास्थ्य सुविधा भी समय से नहीं मिल सकी।

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