अब होम्योपैथिक चिकित्सक भी देख सकेंगे होम आइसोलेटेड कोरोना मरीजों को
'आयुष कवच' एप के इस्तेमाल से जानकारी जुटा सकते हैं मरीज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने होम्योपैथिक पद्वति से चिकित्सा करने वाले चिकित्सकों को अब कोरोना के मरीजों का इलाज करने की भी अनुमति दे दी है पर गंभीर इलाज के लिए उनको इसकी अनुमति नहीं होगी। इसके लिए उन्हे एलोपैथिक डाक्टरों से इलाज के लिए भेजना होगा।
प्रदेश के आयुष विभाग की तरफ से जारी दिशा निर्देशों में कहा गया है कि कोरोना के जो मरीज घर पर रहकर अपना इलाज करा रहे हैं उनकी देखभाल होम्योपैथिक चिकित्सक कर सकते हैं।
साथ ही गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि इस बात पर बराबर नजर रखनी चाहिए कि मरीज की हालत में क्या परिवर्तन हो रहा है। उसका बुखार और आॅक्सीजन देखते रहना पडे़गा। साथ ही इस बात का ध्यान रखना होगा कि मरीजों का खानपान कैसा है, उन्हें उचित खानपान की सलाह देनी होगी। साथ ही गर्म पानी, काढा, हल्दी नमक से गरारा आदि की सलाह देनी होगी। मरीज को यह भी बताना होगा कि वह तेल, नमक, शक्कर आदि के अत्यधिक उपयोग से बचे। लेकिन उन्हे इसके लिए एलोपैथिक व्यवस्था के तहत कोरोना प्रोटोकाल का भी पूरा ख्याल रखना होगा। इसमें यह भी कहा गया है कि हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों को एकोनिटम नेपोलस, आरसेनिकम एलबम, बेलाडोना, बरयोनिया एलबा, इयूपाटोरियम परफोलियटम, फेरम फास्फोरिकम, गलसेमियम, फास्फोरस, रस टाक्सिकोडेंड्रम दवाएं चलेंगी। डाॅक्टरों को दवा की खुराक मरीज की स्थिति देखरकर ही तय करना पडे़गा।
इसके पहले पिछले साल कोरोना के समय 2020 में, सरकार द्वारा एक 'आयुष कवच' एप लांच किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि एप का इस्तेमाल अब लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा योग और प्राणायाम कोविड 19 के खिलाफ फायदेमंद साबित हुए हैं । लोगों को अपने दैनिक जीवन में इन प्रथाओं का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।