एस एन मेडिकल कॉलेज: न दवाएं न स्ट्रेचर, मरीजों को लेकर भटक रहे हैं परिजन

प्रिंसिपल सरोज सिंह ने स्वीकार किया कि हॉस्पिटल में दवाइयों की कमी है जिसकी वजह से मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। उन्होंने बताया की उच्चाधिकारियों को दवाओं का बजट बढाने के लिए पत्र लिखा गया है क्योंकि मौजूदा बजट पर्याप्त नहीं है।

Update: 2016-09-04 07:29 GMT

आगरा: सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज अव्यवस्था की निशानी बन गया है। मेडिकल कॉलेज में दवाओं का टोटा है और गरीब मरीजों को महंगी दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं। गंभीर मरीजों के लिए स्ट्रेचर नहीं हैं और स्टाफ बेहद सुस्त है। ऐसे में मरीज हलकान हो रहे हैं।

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हॉस्पिटल का हाल

-ताजनगरी के सबसे बड़े हॉस्पिटल एसएन मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल का हाल बदहाल है।

-मरीजों की भीड़ के बीच मेडिकल कॉलेज में मुट्ठी भर दवाएं ही रह गई हैं, जिनमें कई महत्वपूर्ण दवाएं उपलब्ध नहीं हैं।

-घंटों लाइन में लगने के बाद भी मरीज बिना दवा के लौटने को मजबूर हैं।

-सस्ते इलाज की उम्मीद में आने वाले मरीजों को बाहर से महंगी दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं।

दवाएं नहीं

-प्रिंसिपल सरोज सिंह ने स्वीकार किया कि हॉस्पिटल में दवाइयों की कमी है जिसकी वजह से मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं।

-उन्होंने बताया की उच्चाधिकारियों को दवाओं का बजट बढाने के लिए पत्र लिखा गया है क्योंकि मौजूदा बजट पर्याप्त नहीं है।

-हालांकि, हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ हिमांशु यादव किसी अव्यवस्था से इनकार करते हैं।

-उनका कहना है कि हर मरीज को इलाज मिलता है और गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाता है।

परेशान मरीज

-हालांकि, शिकोहाबाद निवासी मरीज नेत्रपाल के परिजन उसे गोद में उठाए घूमते रहे। न उसे स्ट्रेचर मिला न भर्ती किया गया।

-टीबी मरीज नेत्रपाल को लेकर उसके परिजन हॉस्पिटल के चक्कर काटते रहे।

 

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