हाथरस पर बड़ी साजिश: सीएम योगी के हाथ लगी अहम जानकारियां, दर्ज हुई FIR
सूत्रों के मुताबिक यूपी में जातीय व सांप्रदायिक दंगे भड़काने के लिए अफवाहें व फर्जी सूचनाएं एक साजिश के तहत फैलाई जा रही थी। इसके लिए बड़े स्तर पर सोशल मीडिया का दुरूपयोग भी किया गया।
लखनऊ: हाथरस में जातीय और सांप्रदायिक उन्माद पैदा करके राज्य में बड़े स्तर पर अस्थिरता और अराजकता फैलाने की साजिश की जा रही थी। खबर है कि यूपी पुलिस को जानकारी मिली है कि इस साजिश में पीएफआई और एसडीपीआई जैसे संगठनों का हाथ है। इसके बाद अब यूपी पुलिस की साइबर सेल ने 11 एफआईआर दर्ज की है। इस सिलसिले में साइबर सेल के हाथ कुछ आडियो टेप भी लगे है, जिनकी फोरेंसिक जांच करवाई जा रही है। फोरेंसिक रिपोर्ट आते ही भड़काने वालों का पालीग्राफ और नार्को टेस्ट भी कराया जा सकता है।
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बड़े स्तर पर सोशल मीडिया का दुरूपयोग भी किया गया
सूत्रों के मुताबिक यूपी में जातीय व सांप्रदायिक दंगे भड़काने के लिए अफवाहें व फर्जी सूचनाएं एक साजिश के तहत फैलाई जा रही थी। इसके लिए बड़े स्तर पर सोशल मीडिया का दुरूपयोग भी किया गया। साइबर सेल को मिली जानकारी मिली कि इस साजिश में पीएफआई, एसडीपाई और सरकार के निशाने पर रहे माफियाओं की मिलीभगत ठोस सुराग मिले है। बताया जा रहा है कि राज्य में अराजकता व अस्थिरता पैदा करने के लिए बड़े पैमानें पर धन भी मुहैया कराया गया था।
साजिश में सीएए के उपद्रव में शामिल रहे संगठनों की भूमिका के भी सबूत मिले है
बताया जा रहा है कि साजिश में सीएए के उपद्रव में शामिल रहे संगठनों की भूमिका के भी सबूत मिले है। मुख्यमंत्री योगी द्वारा उपद्रवियों के पोस्टर लगाए जाने, उपद्रवियों से वसूली कराए जाने और घरों की कुर्की कराने जैसी कड़ी कार्रवाइयों से परेशान होकर इन तत्वों ने यूपी में ये बड़ी साजिश रची। इसके साथ ही साइबर सेल को हाथरस के पीड़ित परिवार को सरकार के खिलाफ भड़काने की साजिश के बारे में जानकारी मिली है, जिसमे कई आडियो टेप मिले है।
यूपी सरकार के खिलाफ भड़काने के लिए बड़ी मात्रा में धन का लालच दिए जाने की भी जानकारी मिली है। बताया जा रहा है कि 50 लाख से लेकर एक करोड़ रुपये तक दिए जाने का लालच दिया गया। इस साजिश में कुछ राजनीतिक दलों के लोगों के साथ ही कुछ पत्रकारों के भी शामिल होने का अनुमान है।
सूत्रों के मुताबिक साइबर सेल की जानकारी में यह भी आया है
सूत्रों के मुताबिक साइबर सेल की जानकारी में यह भी आया है कि पीड़ित परिवार की मुख्यमंत्री से बातचीत के बाद एक महिला पत्रकार ने परिवार को भड़काया कि अगर मुख्यमंत्री की बात मान ली तो पीड़ित परिवार को ही फंसा दिया जायेगा। इसके साथ ही यह भी जानकारी मिली है कि हाथरस कांड में पीड़िता की जीभ काटे जाने, आंखे फोडे़ जाने और बलात्कार के संबंध में कई अफवाहे फैलाई गई।
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इसके साथ ही अफवाहें फैलाने और नफरत पैदा करने के लिए दूसरे राज्यों की घटनाओं के शवों की फोटोशाप की हुई तस्वीरों को हाथरस की पीड़िता की तस्वीरें बताकर नफरत पैदा करने की कोशिश की गई। चंडीगढ की घटना की मृतका की फोटों को हाथरस की बेटी की बता कर वायरल किया गया, एक बड़े चैनल के स्क्रीन शॉट में छेड़छाड़ करके नफरत भरे पोस्टर तैयार किए गए।
मनीष श्रीवास्तव
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