अब होगी सस्ती जांच: बस देने होंगे इतने रुपए, इस अस्पताल ने बनाई किट
पहले चरण में 10 से 12 मरीजों को ट्रायल में शामिल किया जाएगा।
लखनऊ। कोरोना वायरस के खिलाफ यूपी में लगाताार इसकी किट बनााने को लेकर कई डाक्टर्स जुटे हुए है लेकिन इस बीच पीजीआई लखनऊ में कोरोना वायरस की जांच के लिए एक किट विकसित करने का दावा किया है। कहा जा रहा है कि इस किट के उपयोग पर करीब 500 रुपया का खर्च आएगा और इसी जांच में केवल 30 मिनट लगेगें। पीजीआई के मालीक्यूलर मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलोजी विभाग ने किट के पेटेंट के लिए अप्लाई किया है।
सप्ताह भर बाद होगी प्रक्रिया शुरू
एसजीपीजीआई में रेंडमाइज्ड कंट्रोल्ड ट्रायल की तैयारी शुरू कर दी गई है। सप्ताह भर बाद इसकी प्रक्रिया शुरू होगी। सूत्रों का कहना है कि पहले चरण में 10 से 12 मरीजों को ट्रायल में शामिल किया जाएगा। एसजीपीजीआई में सबसे गंभीर कोरोना के मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। पिछले तीन महीने से कोरोना को लेकर चल रही जांच में अबतक लगभग तीन से चार हजार रूपए तक खर्च आता था लेकिन तब जांच में काफी वक्त भी लग रहा है।
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जांच तकनीक रही सफल
मॉलीक्यूलर मेडिसिन एंड बायोटेक्नोलोजी विभाग की प्रमुख डॉ. स्वाति तिवारी ने बताया कि वैज्ञानिकों ने जांच तकनीक का परीक्षण सिंथेटिक कोरोना आरएनए (राइबो न्यूक्लिक एसिड) पर किया। जिसमें वह सफल रही है। किट विकसित करने वाली टीम में डॉ. रजनी शर्मा, डॉ. सुमन मिश्रा और डॉ. विनोद शामिल हैं। यह जांच तकनीक भी आरएनए आधारित ही है। मरीज के नमूने से आरएनए निकाल कर उसमें ही संक्रमण देखा जाएगा।
चार से पांच हजार का खर्च
आपको बता दे कि एसजीपीजीआई में सबसे गंभीर कोरोना के मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। अभी तक विदेश से आयातित किट से जांच हो रही है जिसमें चार से पांच हजार का खर्च आता है। इस जांच में पीसीआर तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। पीजीआई ने विकसित इस किट में पीसीआर तकनीक का इस्तेमाल नहीं होगा। जिसके कारण जांच रिपोर्ट जल्दी मिलेगी। इसी आरएनए से संक्रमण की पुष्टि करेंगे।
रिपोर्टर - श्रीधर अग्निहोत्री, लखनऊ
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