लखनऊ। भारत में इंटरनेट इस्तेमाल करने की रफ्तार हमारी सोच से कहीं ज्यादा तेज है। इंटरनेट उपयोग के मामले में हमारा देश चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। निल्सन होल्डिंग्स के साथ इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) की 'इंडिया इंटरनेट 2019' रिपोर्ट के अनुसार 31 मार्च, 2019 तक भारत में 45.10 करोड़ मासिक सक्रिय इंटरनेट यूजर थे। जबकि चीन में 80 करोड़ से अधिक इंटरनेट यूजर थे। एक्टिव इंटरनेट यूजर का मतलब बीते एक महीने में इंटरनेट इस्तेमाल करनेवालों से है। भारत के एक्टिव इंटरनेट यूजर की संख्या पर आईएएमएआई की यह पहली रिपोर्ट है।
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चालीस करोड़ यूजर बारह वर्ष से अधिक उम्र के
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कुल 45.1 करोड़ एक्टिव यूजर्स में 38.5 करोड़ यूजर 12 से अधिक उम्र के हैं। जबकि 6.6 करोड़ यूजर पांच से 11 वर्ष के हैं। इन आंकड़ों से पता चलता है कि हमारे देश में इंटरनेट इस्तेमाल करनेवालों की अच्छी-खासी संख्या स्कूल जाने वाले बच्चों की है। रिपोर्ट बताती है कि इन बच्चों के पास अपनी डिवाइस नहीं है, बल्कि ये अपने माता-पिता या परिवार के किसी दूसरे सदस्यों की डिवाइस के माध्यम से इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं। भारत में इंटरनेट इस्तेमाल करनेवाले तीन में से एक से अधिक यूजर 12 से अधिक उम्र के हैं। 12 वर्ष से अधिक उम्र के इंटरनेट इस्तेमाल करनेवालों का प्रतिशत महज 36 है। इनमें 51 प्रतिशत यूजर शहरी और 27 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों से हैं। इंटरनेट पर समय बिताने की अगर बात करें तो 33 प्रतिशत शहरी भारतीय एक घंटे से ज्यादा रोजाना इंटरनेट पर बिताते हैं, वहीं ग्रामीण भारत में इंटरनेट पर बिताया जाने वाला समय महज 15 से 30 मिनट है।
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इंटरनेट इस्तेमाल में महिलाएं अभी भी पीछे
रिपोर्ट में बताया गया है कि पुरुषों के मुकाबले इंटरनेट इस्तेमाल में महिलाएं काफी पीछे हैं। भारत में जहां 25.8 करोड़ पुरुष इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, वहीं महिलाओं की संख्या इसके मुकाबले आधी है। देश भर के 67 प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले महज 33 प्रतिशत महिलाएं ही इंटरनेट उपयोग करती हैं। वहीं, शहरी इलाके में 62 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में 38 प्रतिशत महिलाएं इंटरनेट का इस्तेमाल करती हैं। ग्रामीण इलाके में यह अंतर कहीं ज्यादा है। यहां 72 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में महज 28 प्रतिशत महिला इंटरनेट यूजर हैं।
दिल्ली टॉप पर
इंटरनेट इस्तेमाल के मामले में 69 प्रतिशत के साथ दिल्ली सबसे आगे है। 54 प्रतिशत के साथ केरल दूसरे और 49 प्रतिशत के साथ जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब तीसरे स्थान पर हैं। 47 प्रतिशत के साथ तमिलनाडु चौथे तो 43 प्रतिशत के साथ महाराष्ट्र व गोवा पांचवें स्थान पर हैं। असम व पूर्वोत्तर के राज्यों (38 प्रतिशत) को छोड़कर पूर्वी भारत के राज्य (पश्चिम बंगाल 29 प्रतिशत, बिहार 28 प्रतिशत, झारखंड 26 प्रतिशत, ओडिशा 25 प्रतिशत) इंटरनेट इस्तेमाल करने में काफी पीछे हैं।
चेन्नई सबसे तेज
इंटरनेट स्पीड टेस्ट ऑर्गनाइजेशन, ऊकला की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में औसत इंटरनेट स्पीड बढ़ी है। अप्रैल और सितंबर 2019 के बीच 2.1 करोड़ परीक्षणों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, सिंतबर 2019 के अंत तक भारत की औसत फिक्स्ड ब्रॉडबैंड स्पीड 16.5 प्रतिशत बढ़कर 34.07 एमबीपीएस पर पहुंच गयी। मोबाइल इंटरनेट स्पीड 10.63 और 11.18 एमबीपीएस के बीच की औसत के साथ काफी हद तक स्थिर बनी हुई है। शहरों के बीच नेटवर्क स्पीड की अगर बात करें तो, 51.07 एमबीपीएस की स्पीड के साथ चेन्नई सबसे तेज और 20.1 एमबीपीएस की स्पीड के साथ नागपुर सबसे धीमा है।
लखनऊ सबसे धीमा
मोबाइल की स्पीड में शहरों के बीच ज्यादा अंतर नहीं है। 11.87 एमबीपीएस की स्पीड के साथ मुंबई सबसे तेज, तो 8.94 एमबीपीएस के साथ लखनऊ सबसे धीमा है। 4जी उपलब्धता को लेकर ऊकला का आंकड़ा कहता है कि भारत के 88 प्रतिशत ऑपरेटर नेटवर्क अब 4जी की सुविधा मुहैया कराने लगे हैं।