बड़े बाप के बेटे हो? खुलकर अपराध करो! सजा नहीं ..ऐश होगी

यूपी के अपराधियों की कितनी ऐश है, ये आज हम आपको बताएंगे। यहाँ पेशी के बहाने कैदी से मौज मस्ती करवाई जाती है। हम बात कर रहे हैं बीजेपी नेता के बेटे की, जिससे पेशी के बाद मौज मस्ती कराई जा रही थी। मामले के खुलासे के बाद पुलिस प्रशासन और जेल में हड़कंप मचा हुआ है। जेल प्रशासन के अधिकारी और पुलिस मामले को दबाने में जुटी हुई है।

Update:2018-01-26 12:55 IST

शाहजहांपुर: यूपी के अपराधियों की कितनी ऐश है, ये आज हम आपको बताएंगे। यहाँ पेशी के बहाने कैदी से मौज मस्ती करवाई जाती है। हम बात कर रहे हैं बीजेपी नेता के बेटे की, जिससे पेशी के बाद मौज मस्ती कराई जा रही थी। मामले के खुलासे के बाद पुलिस प्रशासन और जेल में हड़कंप मचा हुआ है। जेल प्रशासन के अधिकारी और पुलिस मामले को दबाने में जुटी हुई है।

ये है पूरा मामला:

- बीजेपी नेता और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र पाल सिंह यादव का बेटा अभय यादव नाबालिग से रेप के मामले में जेल में बंद है।

- गुरुवार सुबह उसे बरेली के कोर्ट में ले जाया गया। सूत्रों की माने तो पेशी से लौटने के बाद यहां उसे मौज मस्ती कराई गई और रात में 10:20 पर शराब के नशे में धुत होकर उसे जेल में वापिस दाखिल कराया गया।

- इतना ही नहीं पुलिस ड्यूटी में तैनात गोविंद यादव नाम का सिपाही भी शराब के नशे में मग्न था।

- इस दौरान इस पूरे मामले की पुलिस और प्रशासन को सूचना दी गई। लेकिन जेल और पुलिस प्रशासन मामले को दबाने में जुटा रहा क्योंकि मामला एक कद्दावर बीजेपी नेता के बेटे से जुड़ा था ।

- सूत्रों की माने तो जेल से अक्सर बीजेपी नेता के बेटे अभय यादव को बाहर लाया जाता है और उसे मौज मस्ती कराई जाती है।

- इस मामले में जब जेल प्रशासन से बात की गई तो वह पूरे मामले में बगलें झांकने नजर आए और कोई ठोस जवाब नहीं दे सके।

आपको बता दें कि कैदी अभय यादव का छोटा भाई अजय प्रताप सिंह यादव इस वक्त बीजेपी से जिला पंचायत अध्यक्ष है। जिसका इस वक्त बड़ा रसूख है। इस मामले में प्रशासन से लेकर जेल प्रशासन पर राजनीतिक दबाव साफ देखने को मिला। यही वजह है कि जिला प्रशासन के सभी बड़े अधिकारियों से बात करने की कोशिश की लेकिन कोई भी अधिकारी मीडिया के सवालों के जवाब नही दे पा रहा था।

पेशी पर ले जाने वाले सिपाही गोविंद यादव का कहना है कि वह बरेली पेशी पर लेकर गया था। सिपाही का कहना है कि वह बस से गया था। जब सिपाही से मीडिया ने टिकट दिखाने के लिए कहा तो उसके पास टिकट नहीं था। आपको बता दें कि आरोपी ओर कैदी दोनो ही शराब के नशे में टल्ली थे।

जेलर जेपी दूबे ने बताया कि उन्हें नही पता कि अभय नाम का कैदी बरेली पेशी पर गया या नही। अभिलेखों को देखने के बाद साफ हो पाएगा कि कैदी पेशी पर गया या नही। खास बात ये है कि जेलर साहब खुद कह रहे हैं कि वह तो कैदी को गार्ड के हवाले कर देते है उसके बाद वह कैसे कैदी को ले जाते है उन्हें पता है। फिलहाल मीडिया के सवालो पर जेलर सहाब भी बगल झांकते नजर आए।

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