बंगाल की नाबालिग लड़कियों को पेशे में धकेलने के आरोपी जरायम की जमानत खारिज

मुख्य आरोपियों अफजल व काली को कोर्ट ने 10 साल की कैद की सजा सुनाते हुए धारा 319 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत सम्मन जारी कर तलब किया। हाजिर न होने पर गिरफ्तारी वारंट पर इन्हें गिरफ्तार पर जेल भेज दिया गया है।

Update: 2019-06-04 13:55 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी मडुआडीह के निवासी प्रेम कुमार उर्फ पप्पू उर्फ प्रेम प्रकाश की जमानत अर्जी खारिज कर दी है और इनके खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमे को 6 माह में निर्णीत करने का निर्देश दिया है। इन पर बंगाल की नाबालिग लड़कियों को जरायम पेशे में धकेलने का आरोप है।

मुख्य आरोपियों अफजल व काली को कोर्ट ने 10 साल की कैद की सजा सुनाते हुए धारा 319 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत सम्मन जारी कर तलब किया। हाजिर न होने पर गिरफ्तारी वारंट पर इन्हें गिरफ्तार पर जेल भेज दिया गया है। 3 अप्रैल18 से याची जेल में बंद है।

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यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चैहान ने प्रेम कुमार की जमानत अर्जी पर दिया है। मालूम हो कि भेलूपुर पुलिस ने 13 नवम्बर 2005 को मडुआडीह के रेडलाइट एरिया शिवदासपुर में छापा डाला। जिसमें तीन मकानों से बंगाल की 7 नाबालिग लड़कियों की बरामदगी की गयी और सी ओ भेलूपुर टी.एन. त्रिपाठी ने मडुआडीह थाने में एफआईआर दर्ज कराई। कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जसीट दाखिल की गयी। मुकदमा चला और दो को सजा हुई। किन्तु कोर्ट ने याची को भी लिप्त पाते हुए सम्मन जारी किया।

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याची का कहना है कि उसका नाम प्रेम कुमार सोनकर है। उसका निकनेम पप्पू नहीं है। वह अलग व्यक्ति है। अभियोजन का कहना था कि बरामद लड़कियों के बयान व अन्य साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने मुकदमा चलाने का आदेश जारी किया है। हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप न करते हुए मुकदमे को 6 माह में निर्णीत करने का निर्देश दिया है।

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