सालों बाद लड़की जिंदा: 12 साल बाद वापस लौटी, चल रहा था कोर्ट केस

पुलिस लड़की के जिंदा होने की बात कर रही है। वहीं, लड़की की मां ने उसे बेटी मानने से इनकार कर दिया है और पुलिस पर गुमराह करने का आरोप लगा रही है।

Update: 2020-09-17 13:05 GMT
पुलिस लड़की के जिंदा होने की बात कर रही है। वहीं, लड़की की मां ने उसे बेटी मानने से इनकार कर दिया है और पुलिस पर गुमराह करने का आरोप लगा रही है।

जलौन (यूपी): यूपी के जलौन में 12 साल पहले चर्चा में आया एक मामला जिसके आरोपियों पर कोर्ट केस चल रहा है। फिर से सुर्खियों में आ गया है। बता दें कि जिले में 12 साल पहले एक 15 साल की लड़की का अपहरण व फिर उसकी हत्या हुई थी इस मामले में 10 नामजद आरोपी थे। यह मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है।पुलिस ने अब इस मामले में नया मोड़ दिया है। पुलिस लड़की के जिंदा होने की बात कर रही है। वहीं, लड़की की मां ने उसे बेटी मानने से इनकार कर दिया है और पुलिस पर गुमराह करने का आरोप लगा रही है।

लड़की के जिंदा होने का दावा

जालौन में फिर से चर्चा का विषय बना है 12 साल पहले सुर्खियों में रहा लड़की के अपहरण मामला। इस मामले में आरोपी पक्ष की तरफ से लड़की के जिंदा होने का दावा किया जा रहा है,इस मामले में नामजद 10 लोगों के ऊपर पिछले 12 साल से कोर्ट में केस चल रहा है। इसमें एक महिला आरोपी की मौत भी हो चुकी है जबकि 9 अन्य जमानत पर बाहर हैं और अब अचानक लड़की के सामने आने से जिले में हड़कंप मचा है।

 

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बता दें कि ये पूरा मामला जलौन के कालपी कस्बे का है जहां पर 15 साल की जावित्री उर्फ गायत्री साल 2008 में घर के पास से अचानक गायब हो गई थी। किशोरी की मां ने नगर पालिका कालपी के तत्कालीन जेई सहित 10 लोगों के खिलाफ कालपी कोतवाली में अपहरण का मामला दर्ज कराया था। कुछ समय बाद कानपुर नगर के घाटमपुर थाना क्षेत्र में एक किशोरी का शव बरामद हुआ था जिसकी शिनाख्त राजो देवी ने अपनी पुत्री के रूप में की थी। उसके बाद अपहरण हत्या का मामले की जांच सीबीसीआईडी में ट्रांसफर कर दी गई थी।

फाइल फोटो

आरोपी जमानत पर बाहर

सीबीसीआईडी ने उसकी चार्जशीट साल 2011 में न्यायालय में दाखिल कर दी थी जिसमें एक महिला आरोपी की मौत हो चुकी है जबकि बाकी आरोपी जमानत पर बाहर चल रहे हैं और न्यायालय के फैसले का इंतजार हो रहा हैं।

बुधवार को इस मामले में नया मोड़ आ गया है। आरोपी पक्ष ने मृत घोषित हो चुकी लड़की जायत्री के जिंदा होने का दावा किया। साथ ही युवती को अलीगढ़ के छर्रा से बरामद करने का दावा करते हुए पुलिस के सामने पेश किया। लेकिन लड़की की मां ने कालपी के सीईओ आरपी सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए मामले को गलत बताया है।

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लड़की का मां का पुलिस पर बड़ा आरोप

लड़की की मां का कहना है कि जब उनकी बेटी का अपहरण हुआ था तब आरपी सिंह उस समय घटना क्षेत्र में चौकी इंचार्ज थे और उसके दो साल बाद जब उनके बेटे की हत्या की गई तब आरपी सिंह कालपी कोतवाली के इंचार्ज थे। मां ने आरोप लगाया कि आज जब बारह साल बाद उनकी सीईओ कालपी हैं और अब वो फर्जी लड़की को हमारी बेटी दिखाकर आरोपियों को बचाना चाहते हैं।

फाइल फोटो

सीबीसीआईडी के निर्देश के बाद ही काम होगा

इस मामले में पुलिस अधीक्षक का कहना है कि यह घटना 2008 की है और उस समय शुरुआती जांच पुलिस ने की थी। इसके बाद पूरे मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गई थी जिसमें सीबीडीआईडी के द्वारा 10 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिसमें से एक महिला की मौत हो चुकी है और बाकी 9 आरोपी जमानत पर बाहर हैं। एसपी ने आगे बताया कि अभी प्रतिवादी की तरफ से पुलिस को ये सूचना दी गई है कि लड़की जिंदा है और उसको बरामद कर लिया गया है इस पूरे मामले के बारे में सीबीसीआईडी को लेटर के माध्यम से अवगत करा दिया गया है आगे जो भी निर्देश प्राप्त होंगे उसी के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी।

 

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