पंचायत चुनावः जालौन में आमने सामने दो पूर्व अधिकारी, रोचक होगा मुकाबला
जालौन राजनीति भी अब अजीब सा पेशा बन गई है, जिसके चलते अधिकांश लोक सेवक या सरकारी नौकर रहे लोग सेवानिवृत्ति के बाद राजनीति के क्षेत्र को वरीयता के साथ चुन रहे हैं।
जालौन: जालौन राजनीति भी अब अजीब सा पेशा बन गई है, जिसके चलते अधिकांश लोक सेवक या सरकारी नौकर रहे लोग सेवानिवृत्ति के बाद राजनीति के क्षेत्र को वरीयता के साथ चुन रहे हैं। कोंच तहसील क्षेत्र में आने बाली कैलिया जिला पंचायत सीट ऐसे ही दो पूर्व अधिकारियों के चुनाव मैदान में होने के कारण जिले मे खासी सुर्खियों में है। एक तरफ पूर्व आईआरएस अधिकारी शंभूदयाल चौधरी वही दूसरी ओर अवकाशप्राप्त पीसीएस अधिकारी उर्मिला सोनकर के आमने सामने होने से चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है।
एक समय वह था जब जनता को अधिकारियों के सामने हाथ जोड़े खड़े रह कर अपनी फरियाद सुनाती थी, लेकिन आज वही अधिकारी वोट के लिए जनता के सामने कर बद्ध खड़े नजर आ रहे हैं। ऐसे में पूर्व अधिकारी अगर एकाधिक हों और वह भी आमने-सामने तो मामला दिलचस्प होना ही है। कुछ ऐसा ही नजारा इन दिनों जालौन की कैलिया जिला पंचायत सीट पर भी दिखाई दे रहा है। इस सीट से भाजपा ने जहां मुंबई रिटर्न रिटायर्ड कस्टम कमिश्नर शंभूदयाल चौधरी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है तो वहीं कांग्रेस ने भी सेवानिवृत पीसीएस अधिकारी उर्मिला सोनकर को अपना प्रत्याशी बनाया है। दोनों ही एक दूसरे के खिलाफ पूरी दमखम के साथ मैदान में हैं और अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए जनता के बीच जाकर वोट की याचना करते हुए भीसण गर्मी मे पसीना बहा रहे हैं।
गौरतलब है कि कोंच तहसील के कोंच ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम सामी के मूल निवासी और फिलहाल उरई करमेर रोड पर अपना निवास बनाए 1985 बैच के आईआरएस अधिकारी शंभूदयाल चौधरी मुंबई में कस्टम कमिश्नर के पद से 2011 में सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद अपने गृह जनपद वापिस आकर उन्होंने पहले महान दल से विधानसभा चुनाव मे किसमत अजमाई थी लेकिन सफलता नही मिली उसके बाद भाजपा में शामिल हो कर अपनी राजनैतिक पारी शुरू की। बर्ष 2014 में शंभूदयाल लोकसभा के टिकट के दावेदारों में भी शुमार थे। अब पहली बार उनको पार्टी ने कैलिया जिला पंचायत सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। हालांकि सरकारी सेवा में रहते हुए भी राजनीति में दांव लगाया था और अपनी पत्नी सुशीला चौधरी को तत्कालीन कोंच (सुरक्षित) विधानसभा सीट पर बतौर सपा उम्मीदवार चुनाव लड़वाया था जिसमें सुशीला को हार का मुंह देखना पड़ा था। शंभूदयाल का कहना है कि जनता की सेवा के लिए भाजपा ने उन्हें मौका दिया है, जनता का भी उन्हें काफी स्नेह और समर्थन मिल रहा है। वहीं, कांग्रेस ने भी शंभूदयाल की काट के तौर पर सेवानिवृत पीसीएस अधिकारी उर्मिला सोनकर को मैदान में उतारा है। उर्मिला पूर्व सांसद एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता बृजलाल खाबरी की पत्नी हैं। खाबरी भले ही अपना निवास उरई में बनाए हों लेकिन वह भी मूल रूप से कोंच तहसील के कोंच ब्लॉक क्षेत्र के गांव खाबरी के निवासी हैं। उर्मिला 2020 में सचिव अनुसूचित जनजाति आयोग के पद से सेवानिवृत्त हुई हैं। उर्मिला कोंच में भी बतौर एसडीएम कार्यरत रही हैं। वे कानपुर में केडीए सचिव व झांसी में अपर आयुक्त के पद पर भी काम कर चुकी हैं। उर्मिला का कहना है कि उन्होंने पहले भी जनता की सेवा की है और एक बार फिर राजनैतिक क्षेत्र के माध्यम से जनता की सेवा करने का संकल्प लिया है।
एक नजर में कैलिया जिला पंचायत
जालौन की सबसे महत्वपूर्ण मानी जा रही कैलिया जिला पंचायत सीट पर अगर सरसरी तौर पर एक नजर डाली जाए तो इस क्षेत्र में कैलिया में कुल आबादी लगभग 1 लाख है जबकि कुल मतदाताओं की संख्या करीब 52 हजार है। भौगोलिक रूप से इस क्षेत्र में बीहड़ के भी तमाम गांव लगते हैं और पानी, सड़क तथा खराब नलकूप आदि यहां की प्रमुख समस्याओं में शुमार हैं।
दोनों पूर्व अधिकारी जिपं अध्यक्ष पद के दावेदार
जालौन कैलिया जिपं सीट पर दो पूर्व अधिकारियों का आमने सामने चुनाव लड़ना जितना दिलचस्प है कमोवेश उतना ही दिलचस्प यह भी है कि शंभू और उर्मिला दोनों ही जिला पंचायत अध्यक्ष के दावेदारों में शुमार माने जा रहे हैं। अगर सत्तादल होने के नाते भाजपा अपना अध्यक्ष बनवाने में कामयाब होती है तो उसके लिए सबसे मुफीद चेहरा शंभूदयाल ही होगा, लेकिन अगर मैजिक नंबर से भाजपा चूकी और जोड़तोड़ का अध्यक्ष बनने की स्थिति बनी तो सौ फीसदी चांस उर्मिला का ही बनने में शायद ही कोई शंका हो।