Jalaun News: पत्नी की हत्या करने वाले पति को आजीवन करावास, घर में ही दफन कर दिया था शव

Jalaun News: न्यायालय ने पत्नी की हत्या करके उसके शव को घर के अंदर ही दफन करने वाले पति के खिलाफ आरोप सिद्ध होने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

Report :  Afsar Haq
Update:2023-09-20 20:50 IST

Jalaun News(Pic:Newstrack)

Jalaun News: बुधवार को न्यायालय ने पत्नी की हत्या करके उसके शव को घर के अंदर ही दफन करने वाले पति के खिलाफ आरोप सिद्ध होने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ में कोर्ट ने एक लाख पच्चीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। जानकारी के अनुसार जालौन की उरई कोतवाली क्षेत्र के ग्राम सरसौखी निवासी उर्मिला देवी पत्नी कालीचरण की बेटी विनीता की शादी शहर के मुहल्ला रामनगर निवासी प्रमोद कुमार पुत्र खेमराज से वर्ष 2011 में हुई थी। इसके बाद से पारिवारिक वाद विवादों के बीच कब सात साल बीत गए पता ही नहीं चला। इस दौरान विनीता मायके भी आई। मां और परिजनों की बातें अक्सर फोन पर हो जाया करती थी। विनीता मां भी बन गई थी।

वर्ष 2018 से विनीता के पति प्रमोद से तो बात हुई लेकिन विनीता से कोई बात नहीं हुई। मां जब भी फोन करती प्रमोद दिल्ली में होने की बात कह देता था। जब दो साल बीत गए तो मां और परिवार के लोगों को यह बात गले नहीं उतरी कि ऐसा क्या है जो विनीता से बात नहीं हो रही। आखिर में मां ने इस मामले में पुलिस की चौखट पर दस्तक दी तो उसे टहला दिया गया। आखिर में उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र दिया गया। जांच के उपरांत कोतवाली पुलिस ने प्रमोद कुमार को पूछताछ के लिए बुलाया। चार जनवरी 2020 को प्रमोद कुमार ने कोतवाली पुलिस को सच बता दिया और कहा कि उसने वर्ष 2018 में ही विनीता की हत्या कर दी थी। हत्या करने के बाद उसका शव घर के अंदर वाले कमरे में दफन कर दिया था। यह मामला सुन पुलिस भी चौक पड़ी।

तत्कालीन जिलाधिकारी के परमीशन लेकर अभियुक्त के बताए स्थान पर खुदाई कराई गई तो कंकाल निकला। उर्मिला ने विनीता की साड़ी देखकर ही उसकी शिनाख्त की थी। पुलिस ने चार जनवरी को ही रिपोर्ट दर्ज कर अभियुक्त को न्यायालय में पेश किया था, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। इसके बाद पुलिस ने दो माह बाद न्यायालय में दो मार्च 2020 को आरोप पत्र दाखिल कर दिया। आईपीसी की धारा 302 व 201 में मामला पंजीकृत था। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता लखन लाल निरंजन ने बताया कि न्यायालय में चले ट्रायल के दौरान कुल सात गवाह पेश किए गए। इस दौरान गवाहों के बयान और पेश किए गए साक्ष्यों के आधार पर आरोप सिद्ध होने पर बुधवार को जनपद न्यायाधीश लल्लू सिंह ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुना दी। इसी के साथ दोनों ही धाराओं के आधार पर एक लाख 25 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।

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