हाथरस कांड में मायावती से नाराज हुआ जाटव समाज, आगरा में किया प्रदर्शन
यूपी के आगरा में बुधवार को जगदीशपुर क्षेत्र के जाटव समाज के लोगों ने स्थानीय अम्बेडकर पार्क में बाकायदा मायावती के इस रवैये से नाराज होकर जोरदार प्रदर्शन तक कर दिया। प्रदर्शन कर रहे जाटव समाज के लोग इस कदर नाराज थे
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष 07 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव तथा आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए यूपी की जातीय गणित को अपने पाले में करने के लिए एक बार फिर सोशल इंजीनियरिंग का दांव खेल कर ब्राहम्ण वोटों को लुभाने की तैयारी कर रही है तो वहीं उनका परम्परागत माना जाता रहा पश्चिमी यूपी का जाटव वोट बैंक उनके खिलाफ होता दिख रहा है। हाथरस में दलित युवती के साथ हुई दुष्कर्म और इलाज के दौरान हुई मौत की घटना पर मायावती के पीड़िता के परिजनों से मिलने उनके घर जा कर नहीं मिलने से जाटवों में खासी नाराजगी है।
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यूपी के आगरा में बुधवार को जगदीशपुर क्षेत्र के जाटव समाज के लोगों ने स्थानीय अम्बेडकर पार्क में बाकायदा मायावती के इस रवैये से नाराज होकर जोरदार प्रदर्शन तक कर दिया। प्रदर्शन कर रहे जाटव समाज के लोग इस कदर नाराज थे कि प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने बसपा के झंडे और बसपा सुप्रीमों मायावती के पोस्टर तक जला दिए। इन लोगों ने जमकर बसपा सुप्रीमों मायावती के खिलाफ नारेबाजी की और बसपा मुर्दाबाद के नारे भी लगाये।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने हाथरस प्रकरण में पीड़ित परिवार से अब तक मुलाकात नहीं की है
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने हाथरस प्रकरण में पीड़ित परिवार से अब तक मुलाकात नहीं की है, केवल ट्वीट करके दलित समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है। इनका कहना है कि मायावती ने दलित समाज के साथ छलावा किया है, धोखा दिया है, जनता इसका जवाब जरूर देगी। इससे साफ है कि मायावती को दलितों की कोई चिंता नहीं है वह दलितों का साथ नहीं दे रही है।
हाथरस में दलित युवती के साथ दुष्कर्म व मौत के बाद से ही यूपी की राजनीति में घमासान मचा हुआ है
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से हाथरस में दलित युवती के साथ दुष्कर्म व मौत के बाद से ही यूपी की राजनीति में घमासान मचा हुआ है। राहुल व प्रियंका गांधी समेत कमोबेश सभी विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं ने पीड़िता के गांव पहुंच कर उसके परिजनों से मुलाकात कर उन्हे सांत्वना दी और साथ रहने का भरोसा दिलाया। जबकि बसपा सुप्रीमों मायावती लगातार टवी्टर के जरिए ही इस घटना के विरोध में अपना विरोध प्रकट कर यूपी सरकार पर निशाना साधती रही। इससे जाटव समाज के लोग खासे नाराज है और नाराजगी जाहिर करने के लिए केवल वह प्रदर्शन करने ही नहीं उतरे बल्कि बसपा के झंडों और बसपा सुप्रीमों के पोस्टरों को भी जला दिया।
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यूपी की राजनीति के जानकार वरिष्ठ पत्रकार योगेश श्रीवास्तव का कहना है कि पश्चिमी यूपी के जाटव समाज पर बसपा और मायावती की पकड़ बहुत मजबूत रही है। इस जाटव समाज ने हमेशा ही बसपा और मायावती का साथ दिया है। ऐसे में इसका बसपा व मायावती के खिलाफ प्रदर्शन के लिए उतरना और बसपा के झंडे व मायावती का पोस्टर जलाने जैसी घटना पहली बार हुई है।
वह कहते है कि बसपा सुप्रीमों के लिए यह चेतावनी है कि वह समय रहते इस पर नियंत्रण कर ले वरना अन्य दलित समाज के लोगों में यह बात फैलने पर उनका खासा नुकसान हो सकता है।
मनीष श्रीवास्तव
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