कमश्निनर की कोशिश से शुरू होगा मनरेगा, गरीब और मजदूरों को मिलेगा काम
जिल में जिला प्रशासन से नाराज मनरेगा के कार्य के बहिष्कार पर अड़ा राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन ने कमिश्नर वाराणसी से वार्ता के पश्चात उनके आश्वासन पर संगठन के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार यादव ने अब मनरेगा का काम शुरू कराने का निर्णय लिया है।
जौनपुर: जिल में जिला प्रशासन से नाराज मनरेगा के कार्य के बहिष्कार पर अड़ा राष्ट्रीय पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन ने कमिश्नर वाराणसी से वार्ता के पश्चात उनके आश्वासन पर संगठन के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार यादव ने अब मनरेगा का काम शुरू कराने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत अपने ग्राम प्रधान साथियों से जिलाध्यक्ष ने लिखित रूप से पत्र भेज कर अपील की है।
बता दें कि पिछले कुछ समय से जनपद में जिलाधिकारी द्वारा ग्राम प्रधानों पर बेबुनियादी शिकायतों के आधार पर दर्ज कराये जा रहे मुकदमों को लेकर जिलाधिकारी एवं ग्राम प्रधान संगठन के बीच तना तनी हो गयी थी। संगठन के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार यादव ने एलान कर दिया कि जब तक दिनेश कुमार सिंह जनपद में जिलाधिकारी पद पर आसीन रहेंगे प्रधान मनरेगा का काम नहीं करायेगा। इस पूरे मामले को न्यूजट्रैक ने प्रमुखता के साथ उठाया था जिसका परिणाम रहा कि उच्चाधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा है।
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इस सन्दर्भ में न्यूजट्रैक को कमिश्नर से समझौता के बाद पत्र देते हुए जिलाध्यक्ष मनोज कुमार यादव ने जानकारी दी कि यह चर्चा शासन तक पहुंची इसके बाद कमिश्नर वाराणसी ने हस्तक्षेप किया और जिलाध्यक्ष मनोज कुमार यादव से वार्ता करते हुए आश्वस्त किया कि प्रधानों के खिलाफ बगैर जांच के किसी भी शिकायत पर मुकदमा नहीं दर्ज किया जायेगा। शिकायत झूठी होने पर शिकायत कर्ता को जेल भेजा जायेगा।
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साथ ही कमिश्नर ने कोरोना वायरस कोविड 19 वैश्विक महामारी के चलते देश में उत्पन्न स्थित से निपटने एवं गरीब मजदूरों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए मनरेगा का काम शुरू करने की जरूरत है। उन्होंने आश्वस्त किया कि ग्राम प्रधानो के मान सम्मान का ध्यान रखा जायेगा।
यादव ने कहा कि मण्डलायुक्त के अश्वसन के बाद संगठन ने मनरेगा का काम शुरू कर राष्ट्र के सहयोग में मजदूरों को काम देने का निर्णय लिया है। हम प्रधान गण जनपद के विकास में अपना योगदान देंगे।
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जिलाध्यक्ष का यह भी कथन है कि प्रधानों के उपर दर्ज फर्जी मुकदमों की वापसी के लिए लड़ाई जारी रहेगी। साथ ही यह भी कहा है कि हम चुने हुए जनप्रतिनिधि हैं हमें सम्मान मिलना चाहिए। हां यदि पुनः किसी प्रधान का अपमान हुआ तो सभी समझौते टूट सकते हैं।