Jaunpur News: नाभिकीय चुम्बकीय अनुनाद दवाओं के पहचान की महत्वपूर्ण तकनीक: डॉ पान्डेय

जौनपुर में आयोजित राष्ट्रीय ई-कार्यशाला के चौथे दिन विशेषज्ञों व वैज्ञानिकों ने रसायन विज्ञान में चुम्बकीय गुण पर आधारित नाभिकीय चुम्बकीय अनुनाद स्पेक्ट्रोस्कोपी के सिद्धांत, कार्य प्रणाली व अनुप्रयोग तथा पोरस मटेरियल पर अपने विचार व्यक्त किये।

Written By :  Kapil Dev Maurya
Published By :  Pallavi Srivastava
Update: 2021-06-28 11:02 GMT

Jaunpur News:  वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित रसायन विज्ञान विभाग द्वारा "रसायन विज्ञान में उपकरणीय तकनीक" विषय पर आयोजित पांच दिवसीय राष्ट्रीय ई-कार्यशाला में वैज्ञानिको ने चर्चाएं की। राष्ट्रीय ई-कार्यशाला के चौथे दिन विशेषज्ञों व वैज्ञानिकों ने रसायन विज्ञान में चुम्बकीय गुण पर आधारित नाभिकीय चुम्बकीय अनुनाद स्पेक्ट्रोस्कोपी के सिद्धांत, कार्य प्रणाली व अनुप्रयोग तथा पोरस मटेरियल पर अपने विचार व्यक्त किये।

बता दें कि तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रोपर के डॉ मनोज कुमार पांडे ने नाभिकीय चुम्बकीय अनुनाद (एनएमआर) तकनीकी के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की। डॉ पांडेय ने बताया कि वर्तमान समय मे नाभिकीय चुम्बकीय अनुनाद तकनीकी कार्बनिक रसायनों के पहचान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। डॉ पांडेय ने बताया कि इस तकनीक में वाह्य चुम्बकीय क्षेत्र की परस्पर क्रिया किसी रसायन या पदार्थ के परमाणु में स्थिति नाभिक के चुम्बकीय क्षेत्र से कराई जाती है जिसके परिणाम स्वरूप पदार्थ की पहचान करने में मदद मिलती है। फार्मा इंडस्ट्री में बनने वाली दवाओं के पहचान में इस तकनीकी की महत्वपूर्ण भूमिका है।

 राष्ट्रीय ई-कार्यशाला के चौथे दिन विशेषज्ञों व वैज्ञानिकों ने की चर्चाएं pic(social media)

गैस अधिशोषण द्वारा पोरस मटेरियल के पहचान पर चर्चा

तकनीकी सत्र के दूसरे वक्ता सेन्ट्रल साल्ट एंड मरीन केमिकल्स रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुजरात के वैज्ञानिक डॉ गोविंद सेठिया ने गैस अधिशोषण द्वारा पोरस मटेरियल के पहचान करने की तकनीकी के बारे में चर्चा की। पोरस मटेरियल का उपयोग निस्पंदन(छानने) की प्रकिया में किया जाता है। पोरस मटेरियल की फिल्म का प्रयोग जल के शुद्धिकरण में किया जाता है। तकनीकी सत्र का संचालन रसायन विभाग के डॉ अजीत सिंह ने किया। कार्यशाला के संयोजक डॉ नितेश जायसवाल ने बताया कि कल राष्ट्रीय ई-कार्यशाला का समापन सत्र होगा जिसके मुख्यअतिथि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के डीन प्रो शेखर श्रीवास्तव होंगे। इस मौके पर संस्थान के निदेशक प्रो देवराज सिंह, रसायन विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ प्रमोद कुमार, डॉ प्रमोद यादव, डॉ मिथिलेश यादव, डॉ दिनेश व विश्वविद्यालय के अन्य के शिक्षकों जुड़े रहे। कार्यशाला में भाग ले रहे प्रतिभागियों ने विषय विशेषज्ञों से कई प्रश्न पूछे।

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