Jaunpur News: श्रीकला रेड्डी की इन्ट्री से बिगड़ा विपक्ष का खेल, जानें चुनावी समीकरण

Lok Sabha Election 2024: जौनपुर लोकसभा सीट से बसपा ने श्रीकला रेड्डी को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। अब इस सीट पर सपा, बसपा और भाजपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीद है।

Report :  Kapil Dev Maurya
Update:2024-04-16 20:38 IST

Jaunpur News (Pic: Social Media)

Jaunpur News: दलीय राजनीति से लगभग 12 वर्षों से दूर निर्दल सियासत में रहने वाले जनपद के बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद धनंजय सिंह 18 वीं लोकसभा के चुनाव में चुपके से पत्नी के जरिए अचानक बसपाई बनकर चुनावी जंग में कूद कर जौनपुर संसदीय क्षेत्र के चुनावी समीकरण को बदल दिया है। बसपा ने भी इस चुनाव में अपना मास्टर स्ट्रोक चलते हुए अपने दल के पुराने साथी पर दांव खेलकर जौनपुर की सियासी जंग में अचानक भूचाल ला दिया है।

बता दें कि बाहुबली नेता धनंजय सिंह 2009 में बसपा के टिकट पर जौनपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद चुन कर लोकसभा पहुंचे थे। 2011 में बसपा नेतृत्व से हुए विवादों के कारण इनकी गाड़ी 2012 में पटरी से उतर गयी और तभी से धनंजय सिंह निर्दल और बिहार के राजनीतिक दल राजग अथवा यूपी के जातीय दल के साथ जुड़ कर अपने राजनैतिक सफर को जारी रखे हुए थे लेकिन इस बीच जितने भी चुनाव लड़े सफलता नहीं मिली। हलांकि बसपा से निकाले जाने के बाद से भाजपा सपा से जुड़ने का प्रयास किए लेकिन सफल नहीं रहे।

6 मार्च को हुई थी धनंजय को जेल

18 वीं लोकसभा के चुनाव की सुगबुगाहट शुरू होते ही धनंजय सिंह एक बार फिर चुनावी जंग में आने का एलान करते हुए तैयारियां शुरू दिए। राजनीतिक दलों से सम्पर्क साधने लगे थे। इस दौरान 05 मार्च 24 को अचानक ऐसा हो गया कि न्यायपालिका के एक आदेश के जरिए जेल की सींखचों में कैद हो गए और 06 मार्च 24 को नामामि गंगे प्रोजेक्ट के मैनेजर अभिनव सिंघल के अपहरण और रंगदारी टैक्स मांगने के आरोप में जौनपुर दीवानी न्यायालय एमपी-एमएलए की कोर्ट के न्यायाधीश शरद चन्द त्रिपाठी ने 07 साल की सजा सुनाते हुए धनंजय सिंह को जेल रवाना कर दिया।

बसपा ने दिया श्रीकला रेड्डी को टिकट

न्यायपालिका के इस फैसले के बाद जिले की सियासत में एक बार फिर माना जाने लगा कि धनंजय सिंह का सियासी सफर पर विराम लग गया। साथ ही यह चर्चा आम हुई कि धनंजय सिंह के परिजन चुनावी जंग में आ सकते हैं। लेकिन धनंजय सिंह की ओर से साधी गई चुप्पी यह संकेत देने लगी थी कि शायद 18वीं लोकसभा का चुनाव धनंजय सिंह के बगैर ही हो जाएगा। लेकिन ईद के पर्व के बाद अचानक धनंजय सिंह के पिता पूर्व विधायक राजदेव सिंह का नाम उछला और बसपा के रास्ते सियासी सफर के लिए खुलते नजर आने लगे। लेकिन अचानक 15 अप्रैल 24 को बसपा ने धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला धनंजय रेड्डी के नाम पर अपनी मुहर लगाते हुए जौनपुर संसदीय सीट से बसपा का टिकट थमा दिया।

भाजपा के कृपाशंकर से होगी टक्कर

बसपा से टिकट मिलते ही धनंजय सिंह के समर्थक झूम उठे और भाजपा के प्रत्याशी को सबक सिखाने के लिए हुंकार भी भरने लगे हैं। अब बदले समीकरण में जौनपुर संसदीय सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष जबरदस्त होने की प्रबलतम संभावनाएं हो गई हैं। भाजपा ने कांग्रेस से भाजपाई बनने वाले महाराष्ट्र की सियासत करने वाले नेता कृपाशंकर सिंह को 02 मार्च 24 को भाजपा का प्रत्याशी घोषित किया और 05 मार्च 24 को धनंजय सिंह को जेल भेज दिया गया। इसीलिए धनंजय सिंह के खिलाफ हुई कार्रवाई के पीछे राजनीतिक खेल माना जाता है।

सपा से बाबू सिंह कुशवाहा हैं उम्मीदवार

इधर सपा ने पीडीए का कार्ड खेलते हुए जौनपुर संसदीय क्षेत्र से यूपी के बड़े नेता बाबू सिंह कुशवाहा पर दांव लगाते हुए यादव मुसलमान के साथ मौर्य मतदाताओं को अपने पाले में करने का सियासी दांव चल दिया। धनंजय सिंह को जेल जाने के बाद श्रीकला धनंजय सिंह रेड्डी सपा के दरबार में गई लेकिन निराशा हाथ लगी। इसके बाद बसपा में प्रवेश का प्रयास किया और सफल रहीं। इस तरह भाजपा से कृपाशंकर सिंह,सपा से बाबू सिंह कुशवाहा के बाद अब बसपा से श्रीकला धनंजय सिंह रेड्डी चुनावी जंग में आ गई हैं। इन तीनो के बीच काटे की जंग होना तय है ऐसा सभी राजनीतिक समीक्षक मानने लगे हैं। जन मत तो यह भी आने लगा है कि इस त्रिकोणीय जंग में भाजपा को बड़ी क्षति संभव है। इसका लाभ सपा को मिल सकता है।

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