लखनऊ की शीला जिनसे था नेहरू का ये खास नाता, जानिए इनके बारे में

शीला कौल लखनऊ से पांच बार सांसद रहीं। 1971, 1980 और 1984 में उन्होंने लखनऊ का प्रतिनिधित्व किया। 1989 और 1991 में रायबरेली से सांसद रहीं। इसके अलावा वह 1980 से 1984 तक इंदिरा गांधी की कैबिनेट की सदस्य रहीं।

Update: 2021-02-07 10:15 GMT
हम बात कर रहे हैं लखनऊ की शीला की जिसकी महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू दोनो से नजदीकियां थीं और दोनो नेता ही जिन्हें मानते थे।

रामकृष्ण वाजपेयी

लखनऊ: गोखले मार्ग का 23/2 मकान 'कौल हाउस' कहलाता है और गाहे बगाहे चर्चा में आ जाता है। पिछले दिनों तब चर्चा में आया जब प्रियंका गांधी के लिए उसमें तोड़ फोड़ और रंग रोगन की शुरुआत हुई। लेकिन हम बात कर रहे हैं लखनऊ की शीला की जिसकी महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू दोनो से नजदीकियां थीं और दोनो नेता ही जिन्हें मानते थे। नेहरू अपने अंतरंग रिश्ते की वजह से शीला को कुछ ज्यादा ही मान देते थे।

कैलाशनाथ कौल की पत्नी थीं शीला कौल

मोटे तौर पर आप ये जान लीजिए की कौल हाउस कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की दादी और देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मामी का घर है। जो कि जवाहर लाल नेहरू की पत्नी कमला नेहरू के भाई कैलाशनाथ कौल की पत्नी शीला कौल थीं। यानी रिश्तेदारी के हिसाब से जवाहरलाल नेहरू की सलहज थीं। यानी साले की पत्नी। जवाहरलाल नेहरू उन्हें भाभी कहते हैं और इसी रिश्ते से इंदिरा गांधी की वह सगी मामी थीं। इंदिरा गांधी जब अपने शुरुआती दिनों में लखनऊ में रहीं उस समय उनका अपनी मामी के यहां अक्सर आना जाना हुआ करता था। शीला कौल के पति कैलाश नाथ कौल वनस्पति विज्ञानी थे और उन्होंने ही लखनऊ में राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान की स्थापना की।

शीला कौल की बड़ी नेता रहीं और लखनऊ व उत्तर प्रदेश से उनका खास रिश्ता रहा। शायद ही किसी को याद हो कि 1959-65 में शीला कौल लखनऊ नगर निगम की पार्षद रहीं। इसके अलावा 1968-71 में वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद की सदस्य रहीं। मेरी शीला कौल से मुलाकात 1988 में हुई उस समय वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव थीं।

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लखनऊ से पांच बार सांसद रहीं

शीला कौल लखनऊ से पांच बार सांसद रहीं। 1971, 1980 और 1984 में उन्होंने लखनऊ का प्रतिनिधित्व किया। 1989 और 1991 में रायबरेली से सांसद रहीं। इसके अलावा वह 1980 से 1984 तक इंदिरा गांधी की कैबिनेट की सदस्य रहीं। इसके अलावा 1991-95 तक वह नरसिंह राव कैबिनेट की सदस्य रहीं। 1995-96 में वह हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल रहीं। इसके बाद वह सक्रिय राजनीति से विदा लेकर अपनी बेटी दीपा कौल के पास आ गईं थीं जो कि स्वयं यूपी कैबिनेट में मंत्री रह चुकी थीं। शीला कौल का निधन 13 जून 2015 को 101 वर्ष की आयु में गाजियाबाद में हुआ था।

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यहां ये उल्लेखनीय है कि 1936 में महात्मा गांधी जब लखनऊ आए थे। तब उन्होंने कांग्रेस की पूर्व मंत्री शीला कौल से मुलाकात की थी। 1936 में महात्मा गांधी द्वारा लगाया गया बरगद का पेड़ आज भी मौजूद है। शीला कौल सामाजिक कार्यकर्ता और समाज सुधारक भी थीं और यही वजह है कि उनके नेक कामों की वजह से गांधी जी उनसे मिलने आए थे।

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