हाथरस: किसान महापंचायत में बोले जयंत चौधरी, BJP को वोट की चोट देनी होगी
जिला हाथरस में जयंत चौधरी किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि किसानों का आंदोलन स्वत स्फूर्त आंदोलन है आज 82 दिन बाद भी जब 200 से ज्यादा जवान किसान शहीद हो चूके हैं तब भी मोदी सरकार के कान पर जू नहीं रेंग रही।
हाथरस: आज सादाबाद, जिला हाथरस में जयंत चौधरी किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि किसानों का आंदोलन स्वत स्फूर्त आंदोलन है आज 82 दिन बाद भी जब 200 से ज्यादा जवान किसान शहीद हो चूके हैं तब भी मोदी सरकार के कान पर जू नहीं रेंग रही।
चौधरी चरण सिंह की इस किताब का जिक्र
चौधरी चरण सिंह की लिखी हुई 1978 की किताब भारत की अर्थनीति: गांधीवादी रूपरेखा का फिर से जिक्र करते हुए कहा कि चौधरी साहब कहा करते थे कि सरकारों में जो लोग बैठे हैं उन्हें ग्रामीण परिवेश के बारे में कुछ नहीं पता, इसलिए वे जो फैसले करते हैं ज्यादातर फैसले गांव और किसानों के ख़िलाफ़ होते हैं। आज की सरकार में यह बात पूर्णत: साबित कर दी है।
ये भी पढ़ें: अयोध्या में दबंगों ने बीजेपी बूथ अध्यक्ष को लाठी डंडों से पीटा, अस्पताल में भर्ती
भारतीय जनता पार्टी की राजनीति पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा आप राम के नाम पर वोट लेते हो, पर बात होनी चाहिए अलीगढ़ के रामजी लाल की। रामजी लाल एक किसान जिन्हें बिजली अधिकारियों ने इतना परेशान किया की तंग आकर उन्होंने आत्महत्या कर ली।
उठाये कई सवाल
किसानों की आमदनी दोगुनी करने के मुद्दे को भी आज जयंत चौधरी ने उठाया और सरकार से सवाल किया कि बिजली के दाम कई गुना बढ़ा दिए गए, गन्ने के दाम में तीन साल से कोई बढ़ोतरी नही हुई, बाक़ी फ़सलो के उचित दाम किसान को मिल नही रहे। क्या ऐसे किसानों की आमदनी दोगुनी होगी? उन्होंने कहा नेता वो अच्छा जो आलोचना सहन करें, न की जनता को गलत ठहराए। आज जयंत चौधरी ने हाथरस कांड पर भी बोला और कहा मुझ पर लाठियां चलाई गईं पर आज तक कोई ऐसी लाठी नही बनी जो मुझे आपके लिए लड़ने से रोक सके।
ये भी पढ़ें: औरैया: प्लास्टिक सिटी परियोजना की जमीन पर प्रशासन का डंडा, जमीन कराई खाली
भाजपा को वोट की चोट देनी होगी
अंत में किसान पंचायत के फैसलों को भी सुनाया गया। इस पंचायत में चार फैसले लिए गए हैं पहला फैसला आने वाले चुनाव में भाजपा को वोट की चोट देनी होगी। दूसरा फैसला जब तक कानून वापस नहीं होंगे विरोध प्रदर्शन चलते रहेंगे। तीसरा फैसला सरकार अगर अनैतिक दबाव द्वारा आंदोलन करने वाले लोगों पर दबाव बनाएगी तो सरकार को अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। चौथा फ़ैसला नौजवानों से वादा करते हुए कहा आज पंचायत किसानों के लिए है और हमें नौजवानों की नौकरी के लिए भी आंदोलन चलाना होगा और जल्द ही हम नौजवानों के लिए भी आंदोलन करेंगे।