Jhansi News: रिमांड पर लिए गए पूर्व विधायक दीपनारायण यादव, 6 घंटे हुई पूछताछ, महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए
Jhansi News: सपाइयों के बवाल के मद्देनजर जेल चौराहा से लेकर पुलिस लाइन तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं
Jhansi News: कुख्यात अपराधी लेखराज यादव को पुलिस अभिरक्षा से छुड़ाने के लिए प्रयास की साजिश के आरोप में गिरफ्तार पूर्व सपा विधायक दीपनारायण सिंह यादव का पुलिस को मात्र छह घंटे का पुलिस रिमांड मिला। छह घंटे हुई पूछताछ के दौरान पुलिस टीम को महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। इसके अलावा घर और मून सिटी ले जाकर पुलिस टीम ने साक्ष्य जुटाए हैं। वहीं, सपाइयों के बवाल के मद्देनजर जेल चौराहा से लेकर पुलिस लाइन तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। शाम चार बजे पूर्व विधायक को जेल भेज दिया।
मालूम हो कि पूर्व सपा विधायक दीपनारायण सिंह यादव को सोमवार को जेल भेजा गया था। मंगलवार को पुलिस की ओर से 72 घंटे यानि तीन दिन का रिमांड मांगा गया था, दीपनारायण को कोर्ट में पेश किया जाना था। जेल से कचहरी तक पुलिस का कड़ा पहरा था लेकिन बाद में वीडियो क्रॉफ्रेंस के जरिए कोर्ट में सुनवाई हुई। एमपी/एमएलए कोर्ट ने छह घंटे का ही पुलिस रिमांड दिया। बुधवार की सुबह 10.40 बजे पुलिस रिमांड पर लिया गया। जेल से पूर्व विधायक को पुलिस लाइन लाया गया। लाइन में गोपनीय स्थान पर ले जाकर पूछताछ की गई।
पूछताछ के दौरान एसएसपी राजेश एस, एसपी सिटी श्याम शरण राय, सीओ सिटी राजेश राय, शहर के महत्वपूर्ण थानेदार भी मौजूद रहे। छह घंटे के दौरान पूर्व विधायक से कई बिन्दुओं पर पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं। पूछताछ के दौरान लेखपाल सिंह यादव के छुड़ाने के मामले में जानकारी ली मगर उन्होंने साफ मना कर दिया। इसके अलावा मोबाइल फोनों पर हुई वार्तालाप की जानकारी ली। पुलिस लाइन में पूछताछ के बाद टीम घर और मून सिटी गई। वहां पर भी साक्ष्य जुटाए हैं। साक्ष्य जुटाने के बाद शाम चार बजे वापस पुलिस ने उनको जेल में दाखिल करा दिया।
307 का भी बनाया गया आरोपी
बताया जा रहा है कि अभी तक नवाबाद थाना और कन्नौज में दर्ज छुड़ाने के प्रयास में दीपनारायण यादव को नामजद किया गया था। अब मोंठ पुलिस ने उनको आईपीसी की धारा 307 का आरोपी बनाते हुए कोर्ट में वारंट तामील कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। इस पर गुरुवार को सुनवाई होना है। दीपनारायण यादव पर 40 से अधिक मुकदमे दर्ज है। बताते हैं कि एक ओर धारा 388 भी बढ़ाई गई है।
झाँसी पुलिस ने अपनी भूमिका अच्छी निभाई
जैसे ही लेखराज सिंह यादव को छुड़ाने का प्रयास के मामले की जानकारी हुई तो डीआईजी, एसएसपी, एसपी देहात, एसपी सिटी, सीओ सिटी के नेतृत्व में गठित की गई टीमों ने ताबड़तोड़ छापेमार की कार्रवाई की ओर अब तक दीपनारायण के साले बृजेंद्र यादव, बृजेंद्र के साले अनिल यादव उर्फ मम्मा, सतपुरा के अमित कुमार, टिकरी के जवाहरलाल यादव, सियानीपुर निवासी सुरेंद्र, सरोल के रहीश यादव, कोलबा के ऋतुराज, मलखान शिवहरे, धीरेंद्र पाल, मुकेश कुमार समेत 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। शेष आरोपियों की तलाश की जा रही है। इसके लिए टीमें बनी हुई है।
कन्नौज पुलिस ने झाँसी पुलिस को गुमराह क्यों किया?
कन्नौज के थाना गुरसहायगंज में उपनिरीक्षक रामप्रकाश, आरक्षी छोटेलाल, आरक्षी विनोद सिंह, आरक्षी सुशील कुमार, महेन्द्र कुमार समस्त पुलिस लाइन कन्नौज से 16 सितंबर 2022 को सिद्धदोष बंदी लेखराज यादव निवासी सिरधारपुरा मऊरानीपुर जनपद झाँसी को न्यायालीय विशेष न्यायाधीश एससी/एसटीएक्ट के बाद संख्या 1178/19 मु.अ. सं. 70/19 धारा 323,504,506 एससी/एसटी एक्ट में न्यायालय में पेशी पर लाया गया था। 14.15 बजे पेश होने के बाद उसे वापस कन्नौज ले जाया जा रहा था, तभी हाइवे पर छुड़ाने का प्रयास किया गया। इसकी सूचना झाँसी पुलिस को कन्नौज पुलिस ने क्यों नहीं दी है?, इससे स्पष्ट होता है कि जानबूझकर झाँसी पुलिस को गुमराह क्यों किया है। जब छुड़ाने का प्रयास किया तो हाइवे पर स्थित झाँसी के थानों में सूचना क्यों नहीं दी गई। इसमें कहीं न कहीं कन्नौज पुलिस को भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। बताते हैं कि कन्नौज में उक्त मुकदमा दर्ज किया गया, तब वहां से उक्त मुकदमा झाँसी स्थानांतरित कर दिया गया।
साले के साले के चक्कर में तो नहीं फंस गए पूर्व विधायक?
बताते हैं कि दीपनारायण के साले बृजेंद्र के साले अनिल यादव उर्फ मम्मा के चक्कर में पूर्व विधायक तो नहीं फंस गए?, क्योंकि अनिल यादव ने कचहरी परिसर में लेखराज यादव से दाऊ कहकर नमस्ते की थी?। इसके अलावा अनिल यादव की गाड़ी ने लेखराज सिंह की गाड़ी को ओवरटेक किया गया?। इसके अलावा कई एेसे सवाल ही जिनकी गोपनीय स्तर से जांच हो रही है।