छेड़छाड़ ने ली छात्रा की जान: सुसाइड नोट पढ़कर रो देंगे, मम्मी-पापा से कही ये बात

छेड़खानी से परेशान एक छात्रा ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को छात्रा के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें छात्रा ने पड़ोस में रहने वाले लड़के आकाश का नाम लिखा है और बताया है कि उसकी मौत की वजह वही है। छात्रा ने अपने परिवार से मौत का बदला लेने की भी अपील की है।

Update:2020-11-07 21:41 IST
छेड़छाड़ ने ली छात्रा की जान: सुसाइड नोट पढ़कर रो देंगे, मम्मी-पापा से कही ये बात

झाँसी: एरच थाना क्षेत्र में छेड़खानी से परेशान एक छात्रा ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को छात्रा के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें छात्रा ने पड़ोस में रहने वाले लड़के आकाश का नाम लिखा है और बताया है कि उसकी मौत की वजह वही है। छात्रा ने अपने परिवार से मौत का बदला लेने की भी अपील की है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने लड़के को परिजनों को हिरासत में ले लिया है जबकि आरोपी फरार है।

छेड़छाड़ से थी परेशान

एरच थाना क्षेत्र के कसबे में रहने वाले संदीप कुमार (काल्पनिक नाम) की लड़की कक्षा 11 वीं की छात्रा थी। बीते रोज वह कसबे में स्थित एक कोचिंग सेंटर में पढ़ने गई थी। पढ़ने के बाद जब वह घर वापस लौट रही थी, तभी कसबे में रहने वाले एक किशोर ने उसे पकड़ लिया और छेड़छाड़ की। इसकी जानकारी छात्रा ने अपने परिजनों को बताई थी, लेकिन लोक लाज के चलते परिजनों ने पुलिस से इसकी शिकायत नहीं की थी, जबकि आपस में ही मामला सुलझाने की कोशिश की गई।

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शुक्रवार को जब लड़की ट्यूशन पढ़कर घर लौट रही थी, फिर से उसने छेड़खानी की थी। घर आकर उक्त बात फिर से परिजनों को बताई। इसी बात पर लड़की के परिजन आरोपी लड़के के परिजनों से वार्तालाप करने लगे। तभी लड़के परिजनों ने लड़की के परिजनों को काफी बेइज्जत किया। यही नहीं, झगड़ा भी करने लगे थे। इसकी जानकारी छात्रा को हुई तो उसने विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया। थोड़ी देर बाद परिजन घर पहुंचे तो छात्रा बेहोशी हालात में कमरे में पड़ी थी। आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। हालात में सुधार न होने पर उसे मेडिकल कालेज लाया गया। यहां छात्रा ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया।

लिखा इमोशनल सुसाइड नोट

घर पहुंची पुलिस ने छात्रा के बैग की तलाशी ली, तो उसमें एक सुसाइड नोट मिला। नोट में लिखा था - 'पापा -मम्मी हमें माफ कर देना, हम आत्महत्या कर रहे है, हमारी मौत का कारण सिर्फ आकाश और उनके घर वाले है'। हमारी मौत खाली मत जाने देना। शिवम के पापा से एक विनती है कि हमारे पापा- मम्मी को कभी अकेला मत छोड़ना। पापा, शिवी, अंशिका, गुड़िया को अपनी अंजली समझना। भगवान करे कि हमें हर जनम में तुम जैसे मम्मी-पापा और अनुराग जैसा भाई मिले। नानाजी कभी भूल मत जाना कि अंजली नाम की हमारी एक नातिन थी।

पापा-मम्मी तुम्हें हमारी कसम है। अपने आप को शंभाल लेना। और हमारी मौत का बदला लेना। हम चाहते थे कि पापा हम आपका सिर गर्व से ऊंचा करेंगे। पुलिस बनकर हम ये नहीं चाहते थे कि हमारे बाप-दादा का सिर झुके। हम अपने पापा कि तरह बात को सहन नहीं करते हैं। हम इज्जत पर कोई सवाल नहीं आने देंगे। पापा हमारी मौत का बदला आकाश और उनके घर वालों से ले लेना। तभी हमारी आत्मा को शांति मिलेगी। पापा आपकी अंजली

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एसएसपी ने कहा- जल्द पकड़ा जाएगा फरार आरोपी

एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि परिजनों की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपियों के परिवार वालों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। मुख्य आरोपी आकाश अब भी फरार है जबकि उसकी तलाश में एरच, गुरसरांय और गरौठा थाने की पुलिस टीम लगी हैं। जल्द से जल्द आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।

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किशोरों में बढ़ रहे हैं आत्महत्या के मामले, परिजनों से बात कर दूर करें तनाव

युवाओं में आत्महत्या के मामले अधिक सामने आ रहे हैं जिसका कारण मानसिक तनाव अधिक बन रहा है, अगर कोई परेशानी है तो परिजनों के साथ साझा करें। इससे समस्या का हर जरुर निकलेगा। आत्महत्या किसी भी समया का समाधान नहीं है। खुदकुशी सिर्फ एक इंसान की जान नहीं लेती, बल्कि उस पर आश्रित परिवार के अन्य लोग भी जीते जी मर जाते हैं। जरा से आवेश में आकर लोग आत्मघाती कदम उठा रहे हैं। कोई फाँसी लगाकर आत्महत्या कर रहा है तो कोई विषाक्त पदार्थ खाकर।

आत्महत्या करने वालों का रोजाना आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। जिलेभर में वर्ष 2020 में अब तक करीब 129 लोग आत्महत्या कर चुके हैं। मेडिकल कालेज में 83 लोगों की मौत हुई है। अधिकांश मामलों में आत्महत्या की ठोस वजह भी नहीं रही।

किशोरों में बढ़ रहे हैं आत्महत्या के मामले

किशोरवस्था में भी आत्महत्या करने के मामले बढ़े हैं। एरच कसबे में छेड़छाड़ से परेशान 14 वर्षीय किशोरी ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। वहीं, प्रेमनगर थाना क्षेत्र के पुलिया नंबर नौ में एक महिला ने फाँसी लगाकर आत्महत्या की है। चिरगांव थाना क्षेत्र में एक 15 वर्षीय लड़की ने भी फाँसी लगाकर जान दी है।

परिजनों को बताएं परेशानी

युवा वर्ग में आत्महत्या के मामले अधिक सामने आ रहे हैं। जिसका कारण मानसिक तनाव अधिक बन रहा है। अगर कोई परेशानी है तो परिजनों के साथ साझा करें। इससे समस्या का हल जरुर निकलेगा। आत्महत्या किसी भी समय का समाधान नहीं है। आत्महत्या का प्रयास करने वालों को बाद में अपने ही निर्णय पर पछतावा होता है। बच्चों की भी मां-बाप समय - समय पर काउंसलिंग करें।

जितेन्द्र पाठक, मनोचिकित्सक

डांटे नहीं, गलती का अहसास कराएं

कुछ सालों में आत्महत्या के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी गई है। मां-बाप अपने बच्चों का ख्याल रखें। उनसे अच्छा व्यवहार करें। बच्चों को डांटने की जगह, उन्हें सामान्य तरीके से समझाएं और उनकी गलती का अहसास कराएं। महिलाओं में भी आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ी है। महिलाओं को अगर ससुराल में परेशान है तो पुलिस और न्यायालयों की शरण लें। आत्महत्या समस्या का समाधान नहीं है।

वंदना कुशवाहा- सदस्य बाल कल्याण समिति

रिपोर्ट: बीके कुशवाहा

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