व्यापारियों ने चीनी राष्ट्रपति का पुतला फूंका, चीन के खिलाफ लगाए नारे

भारत और चीन के सैनिकों की सीमा पर हुई झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों के बाद देशवासियों का खून खौल उठा है। देश के कोने-कोने में चीन का झंडा और चीनी सामानों को जलाकर लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

Update:2020-06-18 01:55 IST

झांसी: भारत और चीन के सैनिकों की सीमा पर हुई झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों के बाद देशवासियों का खून खौल उठा है। देश के कोने-कोने में चीन का झंडा और चीनी सामानों को जलाकर लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल की महानगर शाखा ने प्रदेश अध्यक्ष संजय पटवारी के नेतृत्व में सीपरी बाजार के अत्री चौराहे पर चीन के राष्ट्रपति का पुतला फूंका गया। व्यापारियों ने चीन में निर्मित सामान को भी और चीन विरोधी नारे भी लगाए।

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15 जून की रात को सीमा पर चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर हमला कर दिया था। इसमें सेना के एक अफसर सहित 20 सैनिकों के शहीद होने की ख़बर आते ही पूरे देश में चीन के खिलाफ आक्रोश फैल गया है। उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल महानगर शाखा के प्रदेश अध्यक्ष संजय पटवारी, महानगर अध्यक्ष पंकज शुक्ला, महानगर कोषाध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी, सालिकराम राय, अशोक गुरुबख्शानी, चौधरी साहिल, पुनीत पांडेय सहित दर्जनों व्यापारियों ने सीपरी बाजार के अत्री चौराहे पर एकत्रित होकर चीन के राष्ट्रपति शी जिंगपिंग का पुतला फूंका। साथ ही चीन में निर्मित विभिन्न सामानों को भी आगे के हवाले कर दिया। व्यापारियों ने चीन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदेश अध्यक्ष संजय पटवारी सहित व्यापारी नेताओं ने लोगों से चीनी सामान का बहिष्कार करने अपील की।

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मंडी शुल्क के विरोध में ज्ञापन दिया

उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के युवा प्रदेश महामंत्री जितेंद्र सोनी "जीतू"के नेतृत्व में एवं गल्ला मंडी अध्यक्ष उमेश गुप्ता, प्रदेश मंत्री रमेश जौरी वाले, युवा जिला महामंत्री अनुज मुड़िया, जिलाध्यक्ष आईटी सेल प्रदीप त्रिपाठी, प्रताप सिंह राठौर, बालकिशन तोला, सुबोध नाहर, राजेंद्र गुप्ता, एवं अन्य गल्ला मंडी व्यापारियों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन मंडी सचिव को सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से प्रदेश सरकार से मांग की गई की केन्द्र सरकार द्वारा देश मे मण्डी शुल्क एवं मण्डी लाइसेंस समाप्त कर दिया है। लेकिन प्रदेश सरकार ने मण्डी परिसर के अन्दर व्यापार करने वाले व्यापारियो पर 1.5 प्रतिशत मण्डी शुल्क एवं 0.50 प्रतिशत सरचार्ज का प्रावधान करने का आदेश जारी किया है जो कि अनुचित है।

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मण्डी के अन्दर व्यापार पर 2 प्रतिशत टैक्स लगने से मण्डी के अन्दर से व्यापार सम्भव ही नही होगा, क्योकि मण्डी के अन्दर कोई थोक व्यापारी माल नही खरीदना चाहेगा। टैक्स लगने से उसके द्वारा खरीद गया माल महंगा पड़ेगा। इसके कारण टैक्स चोरी और भ्रष्टाचार बढ़ेगा और मण्डी के अन्दर का व्यापार पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा। जिससे प्रदेश के लाखों व्यापारी एवं पल्लेदार,कर्मचारी बेरोजगार हो कर बर्बाद हो जाएंगे।

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