72 घंटे बाद बेतवा नदी में मिला अंशुल का शव, रस्सी से बंधा था हाथ-मुंह, SDRF और गोताखोरों ने निकाला शव
Jhansi Crime News: अंशुल के शव को नदी से बाहर निकाला गया। जो नजारा देखने को मिला उससे सभी के रोंगटे खड़े हो गए। शव के हाथ और मुंह रस्सी से बंधे थे। जिससे आशंका जताई जा रही है कि आरोपियों ने अंशुल के हाथ-मुंह बांधकर पुल से बेतवा नदी में फेंक दिया था।
Jhansi Crime News: लापता चल रहे अंशुल यादव का शव आखिरकार 72 घंटे बाद झांसी-खजुराहो मार्ग स्थित बेतवा नदी में मिल गया। पुलिस ने एसडीआरएफ और गोताखोरों की मदद से शव को बाहर निकाला। शव के हाथ और मुंह बंधा हुआ था। परिजनों का आरोप है कि 2 से 3 लोगों ने रंजिशन उसे नोटघाट पुल से नदी में फेंक दिया था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
क्या है मामला?
मालूम हो कि बरुआसागर थाना क्षेत्र के ग्राम उज्यान में रहने वाला अंशुल यादव तीन दिन से लापता चल रहा था। 24 घंटे पहले अंशुल यादव की बाइक पारीछा से उजयान जाने के लिए बने पीपे के पुल के पास बेतवा नदी किनारे मिली थी। परिजनों का आरोप और सीसीटीवी में बाइक का पीछा करते हुए कार के फुटेज को आधार मानकर गांव के तीन लोगों को हिरासत में लिया गया। उनसे पूछताछ जारी है।
72 घंटे बाद मिली सफलता
पूछताछ में बरुआसागर थाना पुलिस को अहम सुराग मिले थे। इस पर पुलिस ने एसडीआरएफ, गोताखारों की मदद से झांसी-खजुराहो मार्ग (Jhansi-Khajuraho route) पर बने नए पुल के पास बेतवा नदी में उसकी खोजबीन शुरू की। 72 घंटे लगातार खोजबीन के बाद एसडीआरएफ, थाने की पुलिस और गोताखोरों को सफलता मिली। लापता अंशुल के शव को बेतवा नदी से खोज निकाला गया।
पुरानी रंजिश का लिया बदला !
अंशुल के शव को नदी से बाहर निकाला गया। जो नजारा देखने को मिला उससे सभी के रोंगटे खड़े हो गए। शव के हाथ और मुंह रस्सी से बंधे थे। जिससे आशंका जताई जा रही है कि आरोपियों ने अंशुल के हाथ और मुंह बांधकर पुल से बेतवा नदी में फेंक दिया था। परिजनों का कहना है कि आरोपियों ने होटल में खाने के लिए दौरान हुई पुरानी रंजिश को लेकर इस घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही आरोपियों से पूछताछ जारी है।