Jhansi News: पीएम किसान सम्मान निधि योजना का किसानों को नहीं मिल पा रहा लाभ, ये है बड़ी वजह
Jhansi News: किसानों के हित लाभ हेतु शासन द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना अंतर्गत प्रति किसान परिवार को 6000 रुपये की धनराशि 04-04 महीने के अंतराल पर 02 हजार रुपए की तीन समान किश्तों में प्रदान की जाती है।
Jhansi News: जनपद में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनांतर्गत लगभग 1200 से अधिक ऐसे किसान हैं जिनके एक से अधिक डाटा पंजीकरण पंजीकृत हैं, उनमें से एक डाटा को एक्टिव तथा एक को इनएक्टिव करने के बाद ही योजना का लाभ प्राप्त होगा। यह जानकारी उप कृषि निदेशक एमपी सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि किसानों के हित लाभ हेतु शासन द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना अंतर्गत प्रति किसान परिवार को 6000 रुपये की धनराशि 04-04 महीने के अंतराल पर 02 हजार रुपए की तीन समान किश्तों में प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि जिन किसानों के एक से अधिक पंजीकरण पंजीकृत हैं, उनमें से एक डाटा को एक्टिव तथा अन्य को इनएक्टिव करने के लिये प्रक्रिया पूर्ण करनी होगी।
उन्होंने कहा कि कृषक यदि पात्रता की श्रेणी में आता है तो उसे "घोषणा पत्र" तथा "तहसील से सत्यापित खतौनी की प्रति सहित अन्य आवश्यक अभिलेख (आधार कार्ड की प्रति/ जमा की गयी धनराशि की रसीद यूटीआर संख्या सहित)" सम्बन्धित क्षेत्रीय कर्मचारी के माध्यम से (सत्यापन आख्या सहित) उप कृषि निदेशक, झॉसी कार्यालय में उपलब्ध कराने होगें।
कभी भी बन्द हो सकती है योजना
उन्होंने जनपद के लगभग 1200 कृषक जो अभी योजना का लाभ पाने से वंचित हैं उन्हें ताकीद करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा उक्त व्यवस्था अस्थाई रुप से उपलब्ध कराई गयी है जो कभी भी बन्द हो सकती है। अत: योजना का लाभ पाने के लिए जल्द से जल्द सरकार द्वारा दी गई व्यवस्था का लाभ उठाएं।
जनपद स्तरीय किसान मेला 24 अक्टूबर को
Jhansi News: मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद ने अवगत कराया है कि कृषि निदेशक उत्तर प्रदेश कृषि भवन लखनऊ के निर्देशानुसार "जनपद स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2024, जनपद स्तरीय किसान मेला (तिलहन एवं मक्का) एवं जनपद स्तरीय जागरुकता अभियान" का आयोजन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 24 अक्टूबर 2024 को पूर्वान्ह 11 बजे पं०दीनदयाल उपाध्याय सभागार, झांसी में किया जा रहा है, जिससे कृषकों को एक ही स्थान पर समस्त विभागों की जानकारी प्राप्त हो सके एवं उनकी समस्याओं का समाधान वैज्ञानिकों से संवाद कराते हुये किया जा सके।