Jhansi News: वन विभाग के वनाधिकारियों के लिए डाटा विश्लेषण विषय जीपीएस प्रणाली पर चार दिवसीय प्रशिक्षण शुरू
Jhansi News: झांसी में रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय के सभागार में उत्तर प्रदेश वन विभाग के वनाधिकारियों को डाटा विश्लेषण विषय, जीपीएस प्रणाली पर चार दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
Jhansi News: उत्तर प्रदेश के जनपद झांसी में रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय के सभागार में उत्तर प्रदेश वन विभाग के वनाधिकारियों को डाटा विश्लेषण विषय, जीपीएस प्रणाली पर चार दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसका शुभारंभ आज अतिथियों द्वारा किया गया।
जंगल की निगरानी बल्कि जंगल के बाहर के पेड़ों की निगरानी भी की जा सकती है
मुख्य अतिथि कुलपति डॉ एके सिंह ने जीपीएस क्षेत्र में आधुनिक, डाटा प्रसंस्करण,रिमोट सेंसिंग, सैटेलाइट की नवीन तकनीक की उपयोगिता वन संपदा एवं प्रबंधन में आवश्यक है। इसके महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन के समय में न केवल जंगल की निगरानी बल्कि जंगल के बाहर के पेड़ों की निगरानी भी की जा सकती है। इस चार दिवसीय प्रशिक्षण में वनाधिकारियों को वन की सीमा बंदी तथा विभिन्न अन्य पेड़ों की पहचान के साथ-साथ अन्य लाभ मिलेंगे।
विशिष्ट अतिथि वन संरक्षक झांसी महावीर कौजालगी आईएफएस ने इस प्रशिक्षण के प्रति हर्ष जताते हुए कहा कि वनाधिकारियों को प्रशिक्षण के माध्यम से जंगलों में मैपिंग एवं निगरानी हेतु कौशल विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में अन्य वन कर्मियों को भी ऐसे प्रशिक्षण दिए जाएंगे।
रिमोट सेंसिंग आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित प्रयोगशाला
अधिष्ठाता उद्यानिकी एवं वानिकी डॉ मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि यह प्रशिक्षण आज 6 मई 2024 से प्रारंभ होकर 9 मई 2024 तक चलेगा। इस प्रशिक्षण में फॉरेस्ट ऑफीसर, डिप्टी रेंजर मुख्यतः से भाग ले रहे हैं। विवि में रिमोट सेंसिंग आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित प्रयोगशाला है। इसमें प्रशिक्षार्थियों को आधुनिक एवं व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त कराया जायेगा। स्वागत संबोधन कार्यकारी अधिष्ठाता मात्स्यिकी डॉ एमजे डोबरियाल ने किया।
इस अवसर पर प्रभागीय वनाधिकारी झांसी जयंत शिंदे, बांदा, ललितपुर, हमीरपुर के प्रभागीय वनाधिकारी, वन क्षेत्राधिकारी सहित वन विभाग के अन्य अधिकारी तथा विश्वविद्यालय के सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। संचालन डॉ गरिमा गुप्ता ने एवं आभार डॉ पंकज लवानिया ने आभार व्यक्त किया।