Jhansi News: टॉप - 10 माफियाओं को सजा दिलवाने में झाँसी मण्डल का प्रदर्शन बेहतर

Jhansi News: शासन व सरकार की मंशा है कि जिले के टॉप 10 की सूची में शामिल माफियाओं को सजा हो। मानीटरिंग सेल प्रभारी व जिस क्षेत्र में माफिया का घर है। वहां के थानेदार को जिम्मेदारी दी गई है कि न्यायालय में मजबूत पैरवी कर सजा दिलाएं।

Report :  B.K Kushwaha
Update: 2023-11-26 08:29 GMT

सांकेतिक तस्वीर (सोशल मीडिया)

Jhansi News: माफियाओं को सजा दिलाने में यूपी के कई जिले फिसड्डी साबित हुए, हालांकि झाँसी परिक्षेत्र में पिछले एक साल के भीतर टॉप-10 के पांच अभियुक्तों को सजा दिलाई है। इनमें जालौन व ललितपुर ने दो - दो और झाँसी में एक अभियुक्त को दो सजा दिलाई गयी है। इसको लेकर प्रमुख सचिव गृह ने नाराजगी जताई है। उन्होंने डीएम- एसएसपी के साथ पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर स्थिति में सुधार करने को कहा है।

शासन व सरकार की मंशा है कि जिले के टॉप 10 की सूची में शामिल माफियाओं को सजा हो। मानीटरिंग सेल प्रभारी व जिस क्षेत्र में माफिया का घर है। वहां के थानेदार को जिम्मेदारी दी गई है कि न्यायालय में मजबूत पैरवी कर सजा दिलाएं। झाँसी परिक्षेत्र में एक साल के भीतर मात्र पांच माफियाओं को सजा हुई है। प्रमुख सचिव गृह ने इस पर नाराजगी जताते हुए डीएम व एसएसपी के साथ ही पुलिस अधिकारियों को पत्र लिख स्थिति में सुधार करने को कहा है।

माफिया पर शिकंजा कसने को शुरु किया था अभियान

जिले के टॉप-10 माफिया पर शिकंजा कसने के लिए शासन ने उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे में मजबूत पैरवी करके सजा दिलाने के लिए एक साल पहले अभियान शुरु किया था। हर दो माह पर समीक्षा होती है कि किस जिले में मजबूत साक्ष्य व गवाही की वजह से चिन्हित माफिया को सजा नहीं मिली। समीक्षा में सामने आया है कि कुछ जिलों के अधिकारियों को स्थिति में सुधार लाने के लिए कई बार पत्र लिखा जा चुका है, बावजूद स्थिति जस की तस हैं।

झाँसी परिक्षेत्र की स्थिति है ठीक

पूरे प्रदेश में सिद्धार्थ नगर जिले की स्थिति सबसे बेहतर है, यहां पर मजबूत साक्ष्य व पैरवी से सात बदमाशों को सजा मिल चुकी है। शेष के खिलाफ मामला विचाराधीन है। झाँसी परिक्षेत्र में जालौन - दो, ललितपुर - दो और झाँसी में एक अभियुक्त को दो बार सजा दिलाई गई। प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने जिलाधिकारी व एसएसपी को पत्र लिखकर कहा है कि टॉप -10 अपराधियों को सजा दिलाने में रुचि नहीं ली जा रही है। यह स्थिति संतोषजनक नहीं है। इसमें तत्काल सुधार करें। चिन्ह्ति माफिया के खिलाफ दर्ज मुकदमे के साक्षी की गवाही कराकर उन्हें न्यायालय में दोष सिद्ध कराएं और सजा दिलवाएं। साक्षी को सुरक्षा का भरोसा भी दिया जाए।

क्या कहते हैं अधिकारी

पुलिस उपमहानिरीक्षक जोगेंद्र कुमार ने बताया कि जिले व प्रदेश के माफिया की सूची में शामिल बदमाशों को सजा दिलाने के लिए पुलिस न्यायालय में मजबूत पैरवी कर रही है। इसकी नियमित समीक्षा भी की जा रही है। झाँसी परिक्षेत्र में जिस जिले में स्थिति कमजोर है, उसे ठीक कराया जाएगा। अपराधियों को सजा होगी।

किस जिले का कैसा रहा प्रदर्शन

अभियोजन निदेशालय द्वारा 25 मार्च 2022 से लेकर 31 अक्तूबर 2023 तक सिद्धार्थनगर में सात, मेरठ में छह, कौशम्बी में छह, उन्नाव में चार, रायबरेली में चार, अयोध्या में चार, प्रयागराज में तीन, हापुड़ में तीन, देवरिया में चार, लखनऊ में तीन, बलरामपुर में दो, कन्नौज में दो, इटावा में दो, गौतमबुद्ध नगर में दो, फतेहपुर में दो, मुरादाबाद में दो, ललितपुर में दो, जालौन में दो, अमेठी, झाँसी में दो सजा कराई गई। इसी तरह कुशीनगर, अम्बेडकर नगर, महाराजगंज, सीतापुर, बिजनौर, बदांयू, कुशीनगर, जौनपुर, बस्ती, एटा द्वारा एक-एक सजा कराई गई है।

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