Jhansi Medical College Fire: आग लगते ही चारों तरफ परसा धुंधा, धोखा दे गया सेफ्टी अलार्म, बच्चों की शिनाख्त को होगा डीएनए टेस्ट
Jhansi Medical College Fire: मेडिकल कालेज के एनआईसीयू में बीती रात आग में दस नवजात शिशुओं की जलने से मौत हो गई। आग किन कारणों से लगी थी। इस मामले में प्रारंभिक जांच की गई है।
Jhansi Medical College: मेडिकल कालेज के एनआईसीयू में बीती रात जिस समय आग लगी। उस समय एनआईसीयू वॉर्ड में 50 से अधिक नवजात बच्चे भर्ती थे। आग लगते ही वॉर्ड की विद्युतापूर्ति बाधित हो गई थी और चारों और धुआं ही धुआं फैल गया। बताते हैं कि वॉर्ड में लगी सेफ्टी अलार्म तक नहीं बजा, जिससे सुरक्षा कर्मियों और मेडिकल कालेज प्रशासन को हादसे की जानकारी समय से नहीं लग सकी। जब आग की लपटें और धुआं देखकर गर्भवती महिलाओं के परिजन बच्चों को गोद में लेकर भागने लगे थे, तभी अफरा-तफरी फैल गई थी।
आग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्किंग से लगी थी आग
मेडिकल कालेज के एनआईसीयू में बीती रात आग में दस नवजात शिशुओं की जलने से मौत हो गई। आग किन कारणों से लगी थी। इस मामले में प्रारंभिक जांच की गई है। जांच में सामने आया है कि आग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में स्पार्किंग होने के चलते लगी थी।
तीन कमेटियां कर रही हैं जांच
इस मामले में तीन कमेटियां गठित कर पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है। पहली जांच शासन स्तर पर स्वास्थ्य विभाग करेगा। इसमें फायर ब्रिगेड के अधिकारी भी शामिल होंगे। दूसरी जांच स्तर पर प्रशासन कराएगा। तीसरी मजिस्ट्रियल जांच कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने डीआईजी और कमिश्नर से पूरी घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट 12 घंटे में अलग से मांगी है, ताकि आगे के कदम उठाए जा सके। इस संबंध में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बताया कि तथ्यात्मक रुप से सामने लाया जाएगा। किन कारणों से और कैसे घटना हुई, किसकी लापरवाही रही। यह सारी बातें सामने लाई जाएंगी।
प्रारंभिक जांच शुरु, 24 घंटे में आएगी रिपोर्ट
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बताया कि घटना की प्रारंभिक जांच शुरु कर दी गई है। इसकी रिपोर्ट 24 घंटे में आ जाएगी। उसके बाद मजिस्ट्रियल रिपोर्ट आएगी। जैसे ही रिपोर्ट मिलेगी, उस पर कार्रवाई करेंगे। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।
नहीं चला था अग्निशमन यंत्र
आग लगते ही एक वॉर्ड ब्यॉय ने अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सटिंग्विश्वर) को खोलकर चलाया, लेकिन वह नहीं चला था। इस पर स्टाफ औऱ परिजन तुरंग आग पर काबू पाने के प्रयास के साथ वहां भर्ती बच्चों को बचाने में जुट गए थे।
दस बच्चों में छह की शिनाख्त
मेडिकल कालेज के एनआईसीयू वॉर्ड में लगी आग में दस नवजात की जान चली गई। इनमें अभी तक छह बच्चों की शिनाख्त कर ली गई है, जबकि चार की शिनाख्त नहीं हो सकी है। 16 बच्चों का इलाज मेडिकल कालेज में, चार बच्चों का इलाज वात्सल्य हॉस्पिटल में, तीन बच्चे मातृत्व में औऱ एक-एक बच्चे का इलाज जिला अस्पताल व मऊरानीपुर स्वास्थ्य केंद्र में करवाया जा रहा है। इसके अलावा चार बच्चे अपने परिजनों के साथ घर चले गए हैं।
बच्चों की शिनाख्त के लिए कराएंगे डीएनए टेस्ट
जिन बच्चों की शिनाख्त नहीं हो सकेगी, उनके डीएनए टेस्ट कराए जाएंगे। कुछ परिजनों से संपर्क हो रहा है। इनके मोबाइल फोन बंद हैं। इसलिए स्थानीय स्तर पर उनके घर भेजकर बच्चों के बारे में जानकारी की जा रही है। वहीं, मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य ने बताया कि जिन बच्चों को आग से बाहर निकाला गया है। वह सभी पूरी तरह सुरक्षित हैं और उनका उपचार किया जा रहा है। वह आग से नहीं झुलसे, बल्कि किसी अन्य बीमारियों से पीड़ित थे।
दो बच्चों के नहीं मिल रहे माता-पिता
मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में लगी आग से जीवित निकाले गए दो मासूमों के माता-पिता नहीं मिल रहे हैं। उनकी तलाश की जा रही है। मेडिकल कालेज प्रशासन व अन्य सोर्स उनके अभिभावकों को तलाशने में जुटे हैं।