Jhansi News: गर्भवती महिला ने थाने के बाहर दिया धरना, स्वास्थ्य केंद्र में पिटाई का आरोप

Jhansi News: मोंठ थाने के बाहर एक 8 माह की गर्भवती महिला परिवार के साथ धरने पर बैठ गई। उसका आरोप है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उसके पति के साथ मारपीट हुई।

Update:2023-07-11 23:06 IST
स्वास्थ्य केंद्र में पिटाई के विरोध में गर्भवती महिला ने थाने के बाहर दिया धरना: Photo- Social Media

Jhansi News: मोंठ थाने के बाहर एक 8 माह की गर्भवती महिला परिवार के साथ धरने पर बैठ गई। उसका आरोप है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उसके पति के साथ मारपीट हुई। उसने जब इसकी शिकायत थाने की पुलिस से की तो पुलिस उसे कई घंटे से बैठाए रखी। परेशान होकर उन्हें यह कदम उठाना पड़ा। धरने पर बैठी महिला की जब हालत बिगड़ी तब पुलिस के हाथ पैर फूले और शिकायत पर कार्रवाई करने का आश्वासन देकर धरने को समाप्त कराया। वहीं डॉक्टरों ने कहा कि महिला के पति शराब के नशे में था उसके साथ मारपीट नहीं, धक्का मुक्की हुई है।

सीएचसी में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिलने का आरोप

मोठ थाना क्षेत्र के ग्राम बम्हरौली में रहने वाले रोहित की पत्नी किरन 8 माह की गर्भवती है। चैकअप के लिए वह अपनी पत्नी को लेकर मोंठ स्वास्थ्य केंद्र गया हुआ। रोहित और किरन का आरोप है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उसे स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिला तो उसने परेशान होकर शासन द्वारा चलाए जा रहे जन सुनवाई एप और 1076 पर शिकायत कर दी। जब इसकी जानकारी स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधीक्षक को हुई तो वह नाराज हो गए और उन्होंने इलाज करने से इंकार कर लिया। साथ ही पति रोहित के साथ मारपीट कर दी। जिसकी शिकायत लेकर थाने पहुंची तो वहां भी उसे न्याय नहीं मिला बल्कि उसे घंटों बैठाए रखा। जिस कारण परेशान होकर महिला परिवार के साथ थाने के बाहर धरने पर बैठ गई। इस दौरान जब उसकी हालत बिगड़ने लगी तो पुलिस को हाथ पैर फूल गए और उन्होंने पीड़िता की शिकायत सुनकर जांच कराने का आश्वासन देकर धरना शांत कराया। मोंठ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि महिला का पति शराब के नशे में था। उसके साथ मारपीट नहीं, धक्कामुक्की हुई है। इस मामले की जांच करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुधाकर मिश्रा खुद गए है। उन्होंने पूरे मामले की जांच की। जांच में प्रथम दृष्टया रोहित की गलती मानी जा रही है।

महिला के पति ने स्वास्थ्य कर्मियों के साथ की धक्का मुक्की

सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर सुमित मिसुरिया ने थाने में लिखित रूप से शिकायत करते हुए बताया कि सीएचसी में प्रधानमंत्री मातृ दिवस का आयोजन हो रहा था। जिसमें गर्भवती महिलाओं की जांच चल रही थी। इसी बीच रोहित अपनी गर्भवती पत्नी किरण वर्मा को लेकर आया और जल्दी जांच करने की जिद करने लगा। मना करने पर गाली गलौज की। जब उन्होंने जाकर मना किया तो उक्त व्यक्ति शराब पिए हुए था और स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ धक्का-मुक्की करने लगा। इसके बाद गर्भवती महिला के पति को पकड़ कर बाहर किया गया तो पति ने अपनी पत्नी को धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया और पीड़ित का आरोप है कि उसे तथा उसकी पत्नी को मारा है अधीक्षक ने पुलिस को लिखित प्रार्थना पत्र देकर उक्त आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

दलित परिवार को बेइज्जत करने का आरोप

दूसरे पक्ष किरन वर्मा ने पुलिस को प्रार्थना पत्र देते हुए बताया है कि वह 8 माह की गर्भवती महिला है। गांव की आशा बहू पिंकी वर्मा के द्वारा 7 माह तक उसे जच्चा-बच्चा को सुरक्षित रखने हेतु आयरन और कैल्शियम की दवा नहीं दी गई, जिसकी शिकायत पीड़ित ने 1076 पर की थी, शिकायत की जांच सीएचसी पर भेजी गई थी। आशा बहू के द्वारा शिकायत का समाधान करने के लिए उसे सीएचसी बुलाया और शिकायत का राजीनामा करने पर दवाब बनाने लगे। जब पीड़ित ने इसका विरोध किया तो अधीक्षक द्वारा पीड़ित तथा पीड़ित की जेठानी का हाथ पकड़ कर मरोड़ दिया और गलत नियत से बेइज्जती करने की नियत से जातिसूचक शब्दों का उपयोग किया गया तथा धक्का देकर दोनों महिलाओं को बाहर निकाल लिया। इसके बाद पीड़ित के पति की भी मारपीट की गई पीड़ित महिला ने पुलिस को दिए प्रार्थना पत्र में सीएचसी अधीक्षक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।

गर्भवती महिला और आशा में चल रहा है विवाद

गर्भवती महिला किरन वर्मा तथा गांव की आशा पिंकी वर्मा एक ही समाज की होने के कारण उनका आपस में लड़ाई झगड़ा चलता था। इसी कारण गर्भवती महिला को सरकार के द्वारा मिलने वाली योजनाओं का लाभ आशा बहू के द्वारा नहीं दिया जा रहा था। जिसकी कई बार मौखिक रूप से गर्भवती महिला ने शिकायत की थी, फिर भी उसका कोई समाधान नहीं हुआ तो 7 माह बाद गर्भवती महिला ने इसकी शिकायत 14 जून को लिखित रूप से जन सूचना पोर्टल 1076 पर अपलोड कर दी।

जन सूचना पोर्टल पर शिकायत दर्ज होने के बाद आशा बहू तथा सीएचसी अधीक्षक पीड़ित पर शिकायत का राजीनामा करने के लिए दबाव बना रहे थे। जब गर्भवती महिला तथा उसका पति के द्वारा राजीनामा करने से इंकार कर दिया तो गर्भवती महिला के पति के साथ मारपीट हो गई तथा गर्भवती महिला और उसकी जेठानी के साथ भी धक्का-मुक्की हो गई।

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