Jhansi News: 12 वीं पास युवाओं के लिए सुनहरा अवसर, कृषि विवि ने शुरू किया रोजगार परक पाठ्यक्रम
Jhansi News: कुलपति ने कहा कि अभ्यर्थी इस पाठ्यक्रम से प्राप्त प्रमाणपत्र के आधार पर कौशलता के अनुसार प्रोजेक्ट बना सकते है तथा बैंकों से सहायता प्राप्त कर उद्यमिता का विकास कर सकते है।
Jhansi News (Pic: Newstrack)
Jhansi News: बुंदेलखण्ड के युवाओं के लिए कृषि विवि झाँसी रोजगार परक प्रशिक्षण देने जा रहा है। कृषि विवि का संकल्प रहा है कि किसानों की आय दोगुनी करना। इसी क्रम में रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी ने कृषि महत्व के रोजगार उन्मुख विषयों पर आधारित उद्यमिता कौशल विकसित करके युवाओं और किसानों की क्षमता निर्माण के लिए 8 पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए हैं। जो विभिन्न कृषि - प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अभ्यर्थियों का ज्ञान को बढ़ाने की दिशा में कार्य करेगा। कुलपति डॉ अशोक कुमार सिंह ने 8 पाठ्यक्रमों का शुभारंभ करते हुये प्रशिक्षण निदेशकों से आवाहन किया कि प्रशिक्षण के दौरान अभ्यर्थियों को व्यावहारिक ज्ञान प्राथमिकता से प्रदान करें। साथ ही सलाह दी कि अभ्यर्थियों को पाठ्यक्रम की उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी दें।
इस पाठ्यक्रम से अपने आर्थिक विकास के लिए उपयोग में लाने की जानकारी प्रदान हो सके। कुलपति ने कहा कि अभ्यर्थी इस पाठ्यक्रम से प्राप्त प्रमाणपत्र के आधार पर कौशलता के अनुसार प्रोजेक्ट बना सकते है तथा बैंकों से सहायता प्राप्त कर उद्यमिता का विकास कर सकते है। कार्यक्रम प्रभारी डॉ. प्रशांत जाम्भुलकर, विभागाध्यक्ष, पादप रोग विज्ञान विभाग ने प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमों के नाम की जानकारी दी।
इसमें 1.फसल सुरक्षा और पौध स्वास्थ्य प्रबंधन 2.मशरूम उत्पादन एवं प्रसंस्करण 3.शहद उत्पादन एवं प्रसंस्करण 4. बीज उत्पादन प्रौद्योगिकी एवं बीज प्रमाणीकरण 5. बागवानी एवं सजावटी नर्सरी प्रबंधन 6. सब्जियों की पॉलीहाउस संरक्षित खेती 7. हाई-टेक वानिकी नर्सरी प्रबंधन 8. सुदूर संवेदन एवं भौगोलिक सूचना प्रणाली पर प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमों हेतु आवेदन प्राप्त किए जा रहे है।
इंटरमीडिएट पास अभ्यर्थियों के लिए अवसर
विश्वविद्यालय द्वारा प्रारंभ किए जा रहे प्रमाणपत्र कार्यक्रम तीन महीने की अवधि के लिए हैं। न्यूनतम शिक्षा प्राप्त इंटरमीडिएट पास की अभ्यर्थियों के लिए हैं। इच्छुक प्रतिभागी इन प्रमाणपत्र कार्यक्रमों मे भाग लेकर अपना कौशल विकास कर नए उद्यम स्थापित कर सकते हैं। यह निशुल्क पाठ्यक्रम है। उम्मीदवार का चयन पूर्णतः योग्यता के आधार पर किया जायेगा। वैध आवेदनों को आवेदन तिथि के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी। पाठ्यक्रमों का उद्देश्य अभ्यर्थियों को न सिर्फ कौशलता विकास करना है बल्कि उन्हे प्राप्त कौशल के आधार पर उद्योग स्थापित कर विपणन, खातेदारी, एवं बैंक से संपर्क कराकर उद्यमिता को बढ़ावा देना है।
यह लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. एसएस सिंह, निदेशक शिक्षा डॉ अनिल कुमार, निदेशक, शोध डॉ. सुशील कुमार चतुर्वेदी, अधिष्ठाता कृषि डॉ आरके सिंह, अधिष्ठाता उद्यानिकी एवं वानिकी डॉ. मनीष श्रीवास्तव, अधिष्ठाता मात्स्यकी डॉ. मनमोहन डोबरियाल, तथा सभी विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।