Jhansi News: मेरे पिता ने दहेज दिया है.... मैं खाना नहीं बनाऊंगी

Jhansi News: पत्नी के इस फरमान से पति के उड़े होश। जब काउंसलर ने पत्नी से बात की तो उसने साफ कहा कि उसके पिता ने शादी में काफी दहेज दिया है। उसे खाना बनाना नहीं आता है, वो पति और सास के लिए खाना नहीं बनाएगी।

Update:2023-06-05 03:20 IST
(Pic: Newstrack)

Jhansi News: पति पत्नी के बीच अजीबो-गरीब तर्क के मामले परिवार परामर्श केंद्र में आए दिन सामने आते रहते हैं, जो सुनने में काफी मजेदार और हैरान कर देने वाले होते है। ऐसा ही एक पति पत्नी के बीच का मामला परिवार परामर्श केंद्र में सामने आया है। जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। महिला का कहना है कि शादी के वक्त उसके पिता ने काफी दहेज दिया है इसलिए वह खाना नहीं बनाएगी। इस पर महिला ने अपने पति से कह दिया कि वो दहेज की रकम से नौकर रख सकता है या फिर खुद खाना बनाकर खाए और उसे भी खिलाए।

परिवार परामर्श केंद्र में यह मामला आया है। पति-पत्नी के बीच खाना बनाने को लेकर विवाद हुआ तो पत्नी ने पति और सास-ससुर के खिलाफ दहेज उत्पीड़न की पुलिस में शिकायत दर्ज कर दी। पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज करते हुए काउंसलिंग के लिए पहले इस मामले को परिवार परामर्श केंद्र में भेज दिया। मामला परिवार परामर्श केंद्र पहुंचा तो पति-पत्नी को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया। काउंसलर ने दोनों से बातचीत की। बातचीत के दौरान पति ने कहा कि उसकी पत्नी घर पर काम नहीं करती। ना तो खाना बनाती हैं और ना ही साफ सफाई करती है। कुछ भी कहने पर झगड़ा करने लगती है। वहीं, जब काउंसलर ने पत्नी से बात की तो उसने साफ कहा कि उसके पिता ने शादी में काफी दहेज दिया है। उसे खाना बनाना नहीं आता है, वो पति और सास के लिए खाना नहीं बनाएगी।

इस शर्त पर जाने के लिए तैयार हुई

पत्नी साथ ही घर पर काम भी नहीं करेगी। दहेज में मिली रकम से नौकरानी रख लो। महिला की अजीब बातें सुनकर काउंसल भी हैरान रह गया और उसके पास महिला को समझाने के लिए एक भी शब्द नहीं था। बताते हैं कि महिला की शादी दो साल पहले कोतवाली थाना क्षेत्र के दतिया गेट बाहर रहने वाले युवक के साथ हुई। युवक एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है. वहीं, दोनों के बीच घर का काम करने को लेकर विवाद चल रहा है। बाद में परामर्श केंद्र की टीम ने समझा बुझाकर मामले को शांत करवा दिया।

गले-शिकवा भुला फिर एक साथ रहने को राजी हुआ दंपति

पति-पत्नी के बीच मनमुटाव इतना बढ़ा कि दोनों ने अपने-अपने रास्ते अलग करने के लिए दावा ठोंक दिया। हालांकि परिवार परामर्श केंद्र में दोनों पक्षों को समझाया-बुझाया गया तो दोनों के गले-शिकवे दूर हो गए। दोनों फिर से साथ-साथ रहने को राजी हो गए। केंद्र ने दोनों पक्षों के बीच लिखित समझौता कराने के बाद उनके घर रवाना किया है।

पति ने पत्नी से जुदाई की व्यथा सुनाई तो हर किसी का दिल रो पड़ा

जरा सा झगड़ा हुआ और पत्नी अपने भाई को बुलाकर मायके चली जाती है। मैं अपनी पत्नी व बच्चों के बिना नहीं रह पाता। ये कहते हुए पति की आंखे नम हो गई। उसके आंसू ने वो सब बयां कर दिया, जो शायद जुबां से नहीं कह पा रहा था। पत्नी के बार-बार मायके चले जाना और कई दिन तक नहीं लौटना। कारण पति-पत्नी के बीच मामूली विवाद, लेकिन पति के दिल में अपनी पत्नी के प्रति गहरा प्रेम और उसके बिना न रह पाने की पीड़ा भी सामने आई। सिर्फ नफरत ही घर टूटने की वजह नहीं है। कई बार मन की बात न कह पाने की पीड़ा भी विवाद की वजह बन जाती है। पत्नी की जिद से परेशान होकर पति ने परामर्श केंद्र में ये व्यथा सुनाई। परामर्श केंद्र में तैनात प्रभारी नीलेश कुमारी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पाया कि विवाद की कोई बड़ी वजह नहीं है। दोनों को समझाया गया तो वे खुशी-खुशी साथ रहने का तैयार हो गए और आगे से अपनी गलतियां न दोहराने व एक-दूसरे का ख्याल रखने का वादा किया। इस प्रकार एक परिवार टूटने से बच गया।

दस मामलों का हुआ निस्तारण

बीते रोज महिला थाना में परिवार परामर्श केंद्र का आयोजन किया गया। इसमें कुल 38 फाइल लगी थी जिसमें से दस मामलों को निस्तारण किया गया। इस अवसर पर महिला थानाध्यक्ष नीलेश कुमारी, महिला मुख्य आरक्षी किरन, महिला आरक्षी प्रतिमा यादव, महिला आरक्षी पूजा, परिवार परामर्श समिति के सदस्य सुश्री नीति शास्त्री, नीलम गुप्ता, डॉ संध्या चैहान, श्रीमती प्रियंका, स्वप्निल मोदी, श्रीमती उषा सेन, अमृता गुप्ता आदि उपस्थित रही।

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