Jhansi News: भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष पर दर्ज केस का विरोध, शहर के प्रमुख चौराहों पर महिलाओं ने लगाया जाम

Jhansi News: प्रेमनगर थाना क्षेत्र के महावीरन पुरा मोहल्ले में रहने वाले भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष मोनी शाक्या आदि के खिलाफ प्रेमनगर थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया था। इस मामले में पुलिस ने मौनी शाक्या को हिरासत में ले लिया। इसकी जानकारी भीम आर्मी से जुड़ी महिलाओं को पता चली तो सैकड़ों महिलाएं इलाइट चौराहा पर पहुंच गई। उन्होंने चौराहा पर जाम लगा दिया।

Update:2023-05-16 02:10 IST
Women demonstrated

Jhansi News: चार बहनों को कमरे में बंधक बनाकर छेड़छाड़ करने के मुकदमे में फंसे भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष मौनी शाक्या आजाद के समर्थन में सोमवार को सैकड़ों महिलाओं ने शहर के प्रमुख चौराहों पर जाम लगा दिया। जाम से चौराहों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। सूचना पर गई पुलिस ने जाम पर बैठी महिलाओं को समझा बुझाकर जाम खुलवा दिया।

मालूम हो कि प्रेमनगर थाना क्षेत्र के महावीरन पुरा मोहल्ले में रहने वाले भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष मोनी शाक्या आदि के खिलाफ प्रेमनगर थाने में मुकदमा पंजीकृत किया गया था। इस मामले में पुलिस ने मौनी शाक्या को हिरासत में ले लिया। इसकी जानकारी भीम आर्मी से जुड़ी महिलाओं को पता चली तो सैकड़ों महिलाएं इलाइट चौराहा पर पहुंच गई। उन्होंने चौराहा पर जाम लगा दिया। जाम लगते ही सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। महिलाओं ने कहा कि मुकदमा की निष्पक्ष जांच कराकर समाप्त किया जाए।

महिलाओं ने कहा- जिलाध्यक्ष को मिले न्याय

महिलाओं का कहना है कि मोनी शाक्या महिलाओं के मान सम्मान के लिए लड़ते हैं। शोषित, वंचित पीड़ित गरीबों के लिए भी लड़ते हैं और उनकी सहायता करते हैं। जिन चार बहनों ने उनके ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं। वह निराधार व झूठे हैं। प्रशासन ने उनके खिलाफ जो मुकदमा लिखा है, उसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। जिससे जिलाध्यक्ष को न्याय मिल सके।

जो आरोप लगाए हैं पूरे गलत

युवती ने केस दर्ज कराया था कि भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष मोनी शाक्य के भाई जितेंद्र उर्फ जीतू ने एक साल पहले टैक्सी खरीदने के लिए 40 हजार रुपए लिए थे। कई बार पैसे वापस मांगने पर वह टालमटोल करता था। 5 मई को मोनी ने पैसे के लिए अपने घर पर बुलाया। तीनों बहनों के साथ उसके घर पर गई तो आरोपियों ने चारों बहनों को कमरे में बंद कर दिया था। आरोप लगाया था कि आरोपियों ने उनके साथ अश्लील हरकत की। विरोध करने पर मारपीट की। पुलिस ने मोनी, जितेंद्र, सोनू शाक्या और मोनी की पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। महिलाओं का कहना है कि जो आरोप लगाए हैं। वह पूरे गलत है।

विधायक होने के बावजूद सालों बाद ढहा आर्य परिवार का किला

इस निकाय चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा मऊरानीपुर नगर पालिका सीट की हो रही है। कई साल बाद यहां नगर पालिका अध्यक्ष पद पर आर्य परिवार को शिकस्त का सामना करना पड़ा। विपक्ष की मजबूत रणनीति के आगे हरिश्चंद्र आर्य का मजबूत किला ढह गया। यहां से निर्दलीय प्रत्याशी शशि श्रीवास को जीत मिली है। कहीं न कहीं, इसका श्रेय सत्ता पक्ष को भी जाता है। चुनाव में सत्ता पक्ष के कुछ नेता खुलकर हरिश्चंद्र का विरोध कर जनता के बीच जा रहे थे।

2002 से पालिका अध्यक्ष की सीट पर था कब्जा

मऊरानीपुर विधानसभा से अपना दल एस और भाजपा गठबंधन की विधायक डा. रश्मि आर्य के देवर हरिश्चंद्र आर्य ने नगर पालिका अध्यक्ष का पहला चुनाव 2002 में जीता था। फिर 2007 में वे दोबारा जीते। इसके बाद महिला सीट होने पर 2012 से 2017 तक उनकी पत्नी मीरा नगर पालिका अध्यक्ष रहीं। जबकि, 2017 में सामान्य सीट होने के बावजूद सपा के टिकट पर हरिश्चंद्र आर्य अध्यक्ष पद पर काबिज होने में कामयाब हो गए थे।
इस बार का चुनाव उन्होंने अपना दल के टिकट पर लड़ा, लेकिन वे जीतने में कामयाब नहीं हो पाए। निर्दलीय प्रत्याशी शशि श्रीवास ने उन्हें 336 वोटों के अंतर से धराशाई कर दिया। शशि को 15,020 वोट मिले और हरश्चिंद्र के खाते में 14,684 मत आए। जबकि, इस सीट से किस्मत आजमा रहे अन्य सपा, बसपा, कांग्रेस समेत पांच प्रत्याशियों के पक्ष में 2510 वोट ही गिरे।

भाजपा के नेता विरोध में थे

ऐसा माना जा रहा है कि ज्यादातर विपक्षी दलों की गोलबंदी हरिश्चंद्र की हार का बड़ा कारण बनी। चूंकि, गठनबंधन के नाते यहां से भाजपा ने सीधे तौर पर तो चुनाव नहीं लड़ा। लेकिन, यहां से चुनाव जीतने वाली निर्दलीय प्रत्याशी शशि को भाजपा समर्थित प्रत्याशी माना जाता रहा और भाजपा का बड़ा धड़ा उनके साथ चुनाव में सक्रिय रहा।
चुनाव के दौरान बने यह समीकरण हरिश्चंद्र के लिए घातक साबित हुए और उन्हें 20 साल बाद मऊरानीपुर नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी छोड़नी पड़ी। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष हरिश्चंद्र आर्य का कहना है कि जनता के फैसले का पूरा सम्मान करते हैं। जो कमियां रह गईं हैं, उन्हें दूर करने का पूरा प्रयास करेंगे। बाकी, चुनाव में तो हार-जीत लगी ही रहती है।

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