Sonbhadra News: इलेक्ट्रीसिटी अमेंडमेंट बिल का संयुक्त संघर्ष समिति करेगी विरोध, हड़ताल की चेतावनी
Sonbhadra News: देश के तमाम बिजली कर्मचारियों के साथ उप्र के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी और इंजीनियर काम बंद कर हड़ताल करेंगे।
Sonbhadra News: विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (Joint struggle committe), उप्र ने बिजली के निजीकरण (privatization of electricity) हेतु संसद में रखे जा रहे इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2022 के विरोध में, बिल पेश किए जाने के साथ ही हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। कहा है कि देश के तमाम बिजली कर्मचारियों के साथ उप्र के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी और इंजीनियर काम बंद कर हड़ताल करेंगे। संघर्ष समिति ने हड़ताल की नोटिस भी केंद्र और राज्य सरकार के साथ ऊर्जा निगमों के प्रबंधन को शुक्रवार को प्रेषित कर दी।
संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों प्रभात सिंह, गिरीश पांडेय, सदरूद्दीन राना, सुहेल आबिद, पीके दीक्षित, शशिकान्त श्रीवास्तव, महेंद्र राय, मो. वसीम, सनाउल्ला, डीके मिश्रा, दीपक चक्रवर्ती, प्रेमनाथ राय, मो इलियास, धर्मेंद्र, सुनील प्रकाश पाल, विशंभर सिंह, रामसहारे वर्मा, शम्भूरत्न दीक्षित, पीएस बाजपेई, जीपी सिंह आदि ने बताया कि केंद्र सरकार इलेक्ट्रीसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 संसद के चालू सत्र में रखने जा रही है जिससे पूरे देश के बिजली कर्मचारियों में गुस्सा है।
संघर्ष समिति द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार केन्द्र सरकार जिस दिन संसद के किसी भी सत्र में इलेक्ट्रीसिटी(अमेण्डमेंट) बिल 2022 प्रस्तुत करेगी। उसी समय सभी ऊर्जा निगमों के तमाम कर्मचारी व अभियंता कार्य छोड़कर कार्य स्थल से बाहर आ जाएंगे और दिन भर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
10 को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर करेंगे विरोध प्रदर्शन
इसके अतिरिक्त आगमी 10 अगस्त को राजधानी लखनऊ सहित सभी जनपदों व परियोजना मुख्यालयों पर अपराह्न 04 बजे से 05 बजे तक विरोध प्रदर्शन किये जाएंगे। सोमवार को संसद में इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट) बिल 2022 प्रस्तुत किये जाने की सम्भावना के मद्देनजर संघर्ष समिति ने आह्वान किया है कि राजधानी लखनऊ सहित सभी जनपदों व परियोजनाओं पर सोमवार यानी आठ अगस्त को सभी बिजली कर्मचारी व अभियन्ता मध्याह्न 12 बजे से एक स्थान पर एकत्र रहेंगे। यदि बिल संसद में रखा जाता है तो उसी समय से हड़ताल प्रारम्भ हो जायेगी।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि इलेक्ट्रीसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 के जरिये केन्द्र सरकार इलेक्ट्रीसिटी एक्ट 2003 में संशोधन करने जा रही है जिसके बिजली कर्मचारियों और बिजली उपभोक्ताओं पर दूरगामी प्रतिगामी प्रभाव पड़ने वाले हैं। केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष संयुक्त किसान मोर्चा को पत्र लिखकर यह वायदा किया था कि किसानों तथा सभी स्टेक होल्डर्स से विस्तृत वार्ता किये बिना इलेक्ट्रीसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 संसद में नहीं रखा जायेगा। केन्द्र सरकार ने बिजली के सबसे बड़े स्टेक होल्डर्स बिजली उपभोक्ताओं और बिजली कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से आज तक कोई वार्ता नहीं की है। केंद्र सरकार की इस एकतरफा कार्यवाही से बिजली कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है।
निजी क्षेत्र की कंपनियां मुनाफे वाले उपभोक्ताओं को बिजली देंगी
इलेक्ट्रीसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2022 में यह प्राविधान है कि एक ही क्षेत्र में एक से अधिक वितरण कंपनियों को लाईसेंस दिया जाएगा। निजी क्षेत्र की नई वितरण कम्पनियां सरकारी क्षेत्र के नेटवर्क का प्रयोग कर बिजली आपूर्ति करेगी। बिल में यह भी प्रावधान है कि यूनिवर्सल पावर सप्लाई ऑब्लीगेशन अर्थात् सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को बिजली देने की बाध्यता केवल सरकारी कंपनी की होगी और निजी क्षेत्र की कंपनियां मन मुताबिक केवल मुनाफे वाले औद्योगिक व व्यवसायिक उपभोक्ताओं को बिजली देकर मुनाफा कमाएंगी। नेटवर्क के अनुरक्षण का कार्य सरकारी कंपनी के पास रहेगा और इसको सुदृढ़ करने व संचालन व अनुरक्षण पर सरकारी कंपनी को ही पैसा खर्च करना होगा। निजी कंपनियां मात्र व्हीलिंग चार्जेस देकर मुनाफा कमाएंगी।
बिल के अनुसार सब्सिडी व क्रॉस सब्सिडी समाप्त की जाएगी
बिल के अनुसार सब्सिडी व क्रॉस सब्सिडी समाप्त की जाएगी ताकि सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं से बिजली की पूरी लागत वसूल की जा सके। 7.5 हार्स पावर के पंपिंग सेट को मात्र 06 घण्टे चलाने पर किसानों को 10 हजार से 12 हजार रूपये प्रतिमाह का बिल देना पड़ेगा। यही हाल आम घरेलू उपभोक्ताओं का भी होगा। संयुक्त संघर्ष समिति का कहना है कि यह बिल न तो आम जनता के हित में है और न ही कर्मचारियों के हित में है।