Kannuaj News : खुले पड़े बिजली के बॉक्स, करंट लगने से दो मवेशियों की मौत, जिम्मेदार मौन
Kannauj : सुबह से लेकर शाम और फिर रात तक सड़कों पर खुले गोवंशों से लेकर आवारा जानवरों को सड़कों से लेकर गलियों में आसानी से देखा जा सकता है।
Kannauj : सुबह से लेकर शाम और फिर रात तक सड़कों पर खुले गोवंशों से लेकर आवारा जानवरों को सड़कों से लेकर गलियों में आसानी से देखा जा सकता है। भूख प्यास से बिलखते गोवंश और आवारा जानवर या तो सड़कों पर झुंड के रूप में दिखाई देते हैं या फिर कूड़े कचड़ों के ढेरों पर। यह मजरा कन्नौज जिले की तहसील तिर्वा नगर का। गोवंश के संरक्षण का दावा करने वाले जिम्मेदार कहां हैं। वहीं, तिर्वा नगर में बड़ी संख्या में खुले पड़े बिजली के बॉक्स को भी बिजली विभाग के जिम्मेदार लोगों द्वारा बारिश का मौसम होने के बाद भी बंद नहीं कराया गया, जिससे आये दिन चाहें जनमानस हो ता फिर जानवर, खतरा बना ही रहता है।
बताते चलें कि शनिवार को तिर्वा कन्नौज वाया बेला मार्ग पर नगर में ही मुख्य मार्ग से जुड़ा अवंतीबाई नगर मोहल्ला है। बारिश का जोरदार सिलसिला शुरू हुआ तो नगर में जगह-जगह पानी भरा हुआ नजर आने लगा। इन गलियों और सड़कों पर सुबह होते ही आवारा जानवर और गोवंश घूमते नजर आने लगे। शुक्रवार को भी बिजली विभाग द्वारा बिजली के बाक्सों को बंद न कराए जाने का खामियाजा आखिर निर्दोष गोवंशों को भुगतना पड़ा। मोहल्ले में खुले पड़े बिजली बॉक्स की चपेट में आखिर दो गोवंश आ गए और उनकी मौत हो गई।
मोहल्लवासियों ने बताया कि भूख- प्यास के कारण गोवंश टहलते हुए निकले और बॉक्स में कुछ खाने को हो सकता है, यह जानकर अनजान गोवंश ने मुख डाल दिया, जिससे करंट की चपेट में आकर मौत हो गई। अब सवाल यह है कि उक्त लापरवाही के लिए जिम्मेदार कौन है? बिजली विभाग जिसने खुले बॉक्स को अभी तक बंद नहीं कराया या फिर गोवंश के संरक्षण के जिम्मेदार लोग। फिलहाल गोवंश को नगर पंचायत द्वारा हटवा दिया गया है।
जिम्मेदारों ने क्या कहा?
नगर पंचायत तिर्वा के चेयरमैन मिताली गुप्ता के प्रतिनिधि सौरव गुप्ता ने बताया कि गोवंश निजी लोगों के थे। फिर भी सुबह मौके पर जाकर गोवंशो को हटवा दिया गया है। उधर, बिजली विभाग के एसडीओ कुलदीप कुमार का कहना है कि उपभोक्ता सर्विस लाइन में कहीं कट होगा, जिसकी चपेट में गोवंश आए हैं। इसमें मोहल्ले के लोगों को जानकारी देनी चाहिए थी, जिससे तुरंत समस्या को हल कराया जाता।
अब रही खुली बॉक्स की बात तो इस पर एसडीओ का कहना था कि, जो बॉक्स दस साल पुराने हैं, उनको बदला गया है और बदला भी जा रहा है। कहीं कहीं बॉक्स की ऊपरी प्लेट को खोल लिया गया है, इस कारण बॉक्स खुले हैं। फिर भी टेंडर डाला गया है, जल्द ही खुले बॉक्स को पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा।
कुछ भी हो पर फिलहाल दो गोवंश की मौत तो हो ही चुकी है, अब सवाल यह कि आगे व्यवस्थाएं बेहतर कब होंगी और समस्या कब सुलझेंगी।