UP में रेमिडिसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी, तीन आरोपी गिरफ्तार
देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है। इसी बीच कोरोना के कारण रेमिडिसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) की भी कमी हो रही है, वही दूसरी तरफ कुछ लोग इस महामारी के वक़्त भी मौके का फायदा उठाते हुए कालाबाजारी कर रहे हैं।;
रेमिडिसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी (फाइल फोटो )
कानपुर: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है जिसके चलते खुद को सुरक्षित रखना एक बड़ी चुनौती बन गई है। इसी बीच कोरोना के कारण रेमिडिसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) की भी कमी हो रही है, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इस महामारी के वक़्त भी मौके का फायदा उठाते हुए कालाबाजारी कर रहे हैं। ऐसा ही मामला कानपुर (Kanpur) में पाया गया।
कानपुर पुलिस ने गुरूवार को रेमिडिसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) की तस्करी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने तीनों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही इनके पास से 265 इंजेक्शन बरामद किए हैं जिसकी कीमत लाखों में बताई जा रही है। देश में इस समय रेमडेसिविर इंजेक्शन की भारी कमी हो रही है। इस बीच इस इनजेक्शन की तस्करी का यह पहला मामला सामने आया है।
मिलिट्री इंटेलीजेंस लखनऊ यूनिट को सूचना मिली थी कि कोलकाता से इंजेक्शन की खेप कानपुर भेजी गई है। अपराधियों को पकड़ने के लिए अफसरों ने मोहन सोनी से ग्राहक बनकर सौदा तय किया। इसके बाद एसटीएफ को सूचना दी गई। एसटीएफ के एसआई राजेश और सिपाही देवेश ने ग्राहक बनकर मोहन से संपर्क किया। इंजेक्शन की डिलीवरी कोपरगंज स्थित होटल गणेश में तय की गई। जिसके बाद एसटीएफ और बाबूपुरवा पुलिस ने किदवई नगर में छापेमारी कर तीन आरोपियों को दबोच लिया।
कानपुर में रेमिडिसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी (फाइल फोटो )
एसटीएफ के मुताबिक इस छापेमारी में तीन आरोपी यमुना नगर, हरियाणा निवासी सचिन कुमार, खाड़ेपुर नौबस्ता निवासी मोहन सोनी और पशुपति नगर निवासी प्रशांत शुक्ला को गिरफ्तार किया गया।
आरोपियों की गिरफ्तारी की सुचना मिलने पर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण बाबूपुरवा थाने पहुंचे। उन्होंने आरोपियों से पूछताछ की। इस मामले पर कमिश्नर ने बताया कि जांच की जा रही है। इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही औषधि विभाग और प्रशासन को सूचना दे दी गई है।
वही एसटीएफ के डिप्टी एसपी टीबी सिंह ने बताया कि जांच में सामने आया कि दवा कोलकाता से मंगाई गई थी। आरोपियों से जानकारी निकली जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि वह किन किन शहरों में दावा की सप्लाई करने वाले थे।