Kanpur Dehat Fire Case: कानपुर देहात में रूरा थाना क्षेत्र के मडौली गांव में सोमवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान मां-बेटी की जलकर मौत हो गई थी। कड़ी सुरक्षा के बीच बुधवार को दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मामले में एसडीएम सहित 12 नामजद और 25 से 30 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। कुछ गिरफ्तारियां हुई हैं। घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिये गये हैं। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कहते हुए कहा है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। मृतक के बेटे ने बताया कि डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने उनकी (पीड़ित परिवार) सभी मांगें मान ली हैं। उन्होंने परिवार को एक करोड़ रुपए, सरकारी नौकरी और आवास देने की बात कही है। मृतका के पति को आजीवन पेंशन भी दी जाएगी। वहीं, घटना को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है। कांग्रेसियों ने राजभवन के बाहर प्रदर्शन भी किया।जनपद के मैथा तहसील प्रशासन की टीम अतिक्रमण हटाने मड़ौली गांव निवासी कृष्ण गोपाल दीक्षित के घर गई थी। इस दौरान परिजनों और टीम के बीच नोकझोंक हो गई। आरोप है कि झोपड़ी में कृष्ण गोपाल की पत्नी और बेटी थीं, तभी झोपड़ी पर तहसील प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया। आरोप है कि बुलडोजर टीम ने पहले नल और मंदिर को गिराया और फिर छप्पर गिरा दिया। छप्पर गिरते ही उसमें आग लग गई। हादसे में कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला और उनकी 23 साल की बेटी नेहा की जलकर मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कृष्ण गोपाल गंभीर रूप से झुलस गए। इस मामले में मृतकों के परिजन अपनी मांगों को लेकर शव रखकर विरोध कर रहे थे। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के आश्वासन के बाद परिजन पोस्टमार्टम कराने को तैयार हुए। 24 घंटे बाद शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया और फिर अंतिम संस्कार कर दिया गया। मुख्य आरोपित लेखपाल को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि एसडीएम को सस्पेंड कर दिया गया है। 'कानपुर हैवानियत' से जुड़ी खबर की पल-पल अपडेट...