पृथ्वी गृह का सबसे बड़ा धर्म प्रकृति धर्म, स्कूल में हुआ पौधरोपण

पृथ्वी गृह का सबसे बड़ा धर्म प्रकृति धर्म ही है। प्रकृति से खिलवाड़ करने वाले जहाँ प्रकृति के प्रकोप से अपने घरों में रहने को विवश हैं।

Update: 2020-07-02 12:17 GMT

कानपुर देहात: जूनियर स्कूल सिठमरा में शिक्षकों ने बच्चों के साथ मिलकर वन महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रधानाध्यापक शनेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि भोज कार्यक्रम केवल एक बार के लिए होता है। अगर हम पुरखों के नाम पर पौधों का रोपण करें तो हम पक्षियों के लिए आजीवन भण्डारे की व्यवस्था कर सकते हैं।

वहीं पर्यावरण मित्र नवीन कुमार दीक्षित ने पक्षियों के प्रति अपनी पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी निभाते हुए कहा कि सारी जमीन मानव ने आपने नाम पर लिखाली तथा अत्याधुनिक थ्रेसर से एक-एक दाना घर में रख लिया। जो ईश्वर के यहाँ से अपना हिस्सा लिखा कर लाए प्रकृति के अन्य हिस्सेदार जीव जन्तुओं के साथ अन्याय जैसा प्रतीक होता है।

पृथ्वी गृह का सबसे बड़ा धर्म प्रकृति धर्म

समाज सेवी गोपीकिशन ने कहा कि पृथ्वी गृह का सबसे बड़ा धर्म प्रकृति धर्म ही है। प्रकृति से खिलवाड़ करने वाले जहाँ प्रकृति के प्रकोप से अपने घरों में रहने को विवश हैं। वहीं पशु पक्षी सड़कों और मानव के आवासीय क्षेत्रों में भोजन पानी की तलाश में भटक रहे हैं।

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उन्हें क्या पता कि धरती के जिन स्वयं भू बुद्धिमान प्राणियों से वह पानी की उम्मीद लगाकर बस्ती के पास आए हैं, उन्होंने ही ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाकर जल का वाष्पीकरण कर दिया। और अतिक्रमण करके जलाशयों का सत्यानाश कर दिया है। और नजदीक जाने पर शिकार कर लेने से भी नहीं चूकेंगे।

इन लोगों ने किया पौधरोपण

इस अवसर पर अभिभावक रेखा देवी ने कहा अभी भी समय है कि हम अपनी पर्यावरण संरक्षण की संवैधानिक जिम्मेदारी निभाते हुए विलुप्त होते जीवों के साथ अपनत्व का व्यवहार करें। सत्तर प्रतिशत तक जीव जन्तु विलुप्त हो चुके हैं।

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दुआ करनेवाले मुँह से सहयोग करनेवाले हाँथ अधिक पवित्र होते हैं। इसलिए प्रकृति और जीवों से खिलवाड़ न करें। वट नीम पीपल तुलसी आदि का रोपण करके प्रकृति का संरक्षण करें। इस अवसर पर मोहन लाल,प्रियंका, शानू सिंह आदि ने पौधरोपण किया।

रिपोर्ट- मनोज सिंह

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