Kanpur Dehat News: भ्रष्टाचार की भेट चढ़ा 15 करोड़ का पुल, सेंगुर नदी पर बने पुल में आई दरार और गड्ढे

Kanpur Dehat News: धरमपुर और सदना को जोड़ने वाली संपर्क मार्ग बनाई गई। जिसकी लागत 15 करोड़ 36 लाख थी, जो भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गई। महज 2 साल में ही पुल को जोड़ने वाली सड़क में दरार आ गई और गड्ढे भी हो गए।

Report :  Manoj Singh
Update: 2024-08-02 13:45 GMT

Kanpur Dehat News (Pic: Newstrack)

Kanpur Dehat News: कानपुर देहात में बहुउद्देशीय योजना में ठेकेदारों द्वारा बड़े पैमाने पर घपला किया गया हैं। ऐसा ही एक घपला सेंगुर नदी पर बने पुल में भी देखने को मिला। ग्रामीणों की मांग होने के बाद क्षेत्रीय विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य मंत्री अजीत पाल के कड़े प्रयास के बाद सन 2021 में मंत्री अजीत पाल और सेतु निगम के द्वारा उद्घाटन किया गया था। धरमपुर और सदना को जोड़ने वाली संपर्क मार्ग बनाई गई। जिसकी लागत 15 करोड़ 36 लाख थी, जो भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गई। महज 2 साल में ही पुल को जोड़ने वाली सड़क में दरार आ गई और गड्ढे भी हो गए। जिस कारण से आए दिन हादसे भी होते हैं।

वही गांव के कुलदीप कटियार, नाथूराम निषाद, वीरेंद्र कटियार, अनिल कटियार, सुधीर कटियार, रियाजुल खान, अंकित गौतम, रईस खां, राजा, पंकज, फहीम, सुमित, पुष्पेंद्र, दीनदयाल निषाद, राम अवतार, बाबा सुदर्शन कटियार ग्रामीणों ने बताया कि पुल ना होने से 25 किलोमीटर की दूरी तय करके हवासपुर में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और तहसील सिकंदरा से मुख्यालय तक का सफर तय करना पड़ता था। जिसके लगभग 50 गांव सदना, जसपुर, नेपालपुर, पालनापुर, धरमपुर, दशहरी, ककलापुर, अकना माकन, अशवी, लाडपुर छिवना, भुठा, रति का पुरवा, कुदौली गांव के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। इन गांवों के ग्रामीणों ने सालों से सेंगर नदी पर पुल बनाए जाने की मांग करते चले आ रहे थे।

भाजपा की सरकार आने के बाद क्षेत्रीय विधायक और उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री अजीत पाल सिंह और नदी पर पुल बनाने की मांग की थी। इसके बाद मंत्री अजीत पाल ने इस मुद्दे को सदन में रखते हुए अपने क्षेत्र के विकास के लिए मुख्यमंत्री से बनवाए जाने की मंजूरी पास कराई थी। जिसका भूमि पूजन वर्ष 2020 में मंत्री अजीत पाल व सेतु निगम के अधिकारियों के साथ में निवर्तमान उप जिला अधिकारी रमेश चंद्र यादव की उपस्थिति में किया गया था। नाबार्ड वित्त पोषित योजना के तहत काम शुरू होने के बाद ठेकेदार के द्वारा घटिया सामग्री का प्रयोग करके निर्माण कार्य कराया गया। 2 वर्ष पूर्व ही नहीं हो पाए थे की निर्माण अधीन पुल के अगल-बगल दरारें आने लगी और पुल को जोड़ने वाली संपर्क रोड धस गई। जिससे आए दिन हादसे होने लगे। वही जब इस मामले की जानकारी वर्तमान तहसील सिकंदरा के उप जिलाधिकारी श्याम नारायण शुक्ला से की गई तो उनके द्वारा पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों से मामले में जवाब तलब करके कार्रवाई करने की बात कही गई। वहीं जब राज्य मंत्री अजीत पाल से इस मामले में वार्तालाप की गई तो मंत्री द्वारा मामले को संज्ञान में लेकर उच्च अधिकारियों से वार्तालाप करने की बात कही।

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