Kanpur News: आफत बनी बारिश! दर्जनों मकान ढहे, एसडीएम ने मांगी रिपोर्ट
Kanpur News: भारी बारिश के चलते कई इलाकों में मकान गिर गए। मामले में एसडीएम ने रिपोर्ट मांगी है।
Kanpur News: कानपुर देहात में एक बार फिर से मौसम ने करवट बदला है। मंगलवार रात्रि से बुधवार सुबह तक हुई बारिश ने जनपद कानपुर देहात में जगह-जगह पर अपना तांडव मचा रखा है। जनपद कानपुर देहात में अभी तक अलग-अलग जगह से मकान गिरने की घटनाएं बड़े पैमाने पर सामने आए हैं। जहां पर कच्चे मकान गिरने से उनके नीचे दबकर लोगों के अनाज सहित लाखों रुपए का नुकसान हो गया।
इन लोगों के गिरे घर
तहसील सिकंदरा के भलगांव में छोटे शर्मा का कच्चा मकान भर भर कर गिर गया। वहीं बोल गांव के शिवपाल सिंह पुत्र सुखदेव सिंह, छोटेलाल पुत्र छेदीलाल, रविंद्र सिंह पुत्र लल्लन सिंह, प्रभु दयाल पुत्र कन्हैया, गणेशपुर की मढैया, सरमन पुत्र शिवराम प्रजापति, जयप्रकाश पुत्र विश्वनाथ, गुल्लन खान पुत्र रसूल खान, फूल बानो पत्नी स्व मजीद खान, उर्मिला देवी पत्नी स्व जगदीश प्रसाद, विकास पुत्र संतोष निवासी गणेशपुर के कच्चे मकान भी रात में हुई तेज बारिश में भरभरा कर गिर गए। वहीं किसानों का लाखों रुपए का नुकसान भी हो गया है।
ग्राम प्रधान का बयान
ग्राम प्रधान बबन दुबे ने बताया कि पूर्व में रहे ग्राम प्रधानों के द्वारा इन सभी लाभार्थियों को नाम प्रधानमंत्री आवास सूची में नहीं दिया गया। जिस कारण से इनके पक्के मकान नहीं बन सके। सन 2015 में शुरू हुई प्रधानमंत्री आवास योजना 2022 में योजना खत्म होनी थी। लेकिन प्राप्त आंकड़ों के वजह से 31 दिसंबर 2024 तक प्रधानमंत्री आवास योजना बढ़ा दिया गया था।
यहां भी बारिश ने मचाई तबाही
वहीं तहसील सिकंदरा के डौडियापुर गांव मंजू देवी पत्नी शत्रुघ्न सिंह, सुखदेव सिंह पुत्र स्व रुपसिंह, मंजूदेवी पत्नी मनीषम सिंह, शिवाकांत सिंह पुत्र जीत सिंह, सियावती पत्नी हरिराम शर्मा, सहदेव पुत्र रामप्रकाश शर्मा, गोली देवी पत्नी राजेश सिंह, नन्हें सिंह पुत्र सोहन सिंह के कच्चे मकान भरभरा कर गिर गए। जिनमें सभी लोगों का लाखों रुपए का नुकसान हो गया।
एसडीएम ने मांगी रिपोर्ट
वहीं जब पूरे मामले में एसडीएम सिकंदरा श्याम नारायण शुक्ला से वार्तालाप की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि लेखपाल को भेज कर के सभी जगह निरीक्षण कराया जाएगा। लेखपालों से रिपोर्ट मांगी जाएगी इसके बाद जिन भी व्यक्तियों के मकान गिरे हैं उन्हें सुनिश्चित मुआवजा भी उपलब्ध कराया जाएगा। जब इस मामले में खंड विकास अधिकारी हर गोविंद गुप्ता से बात करने की कोशिश की गई तो उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया। कहीं ना कहीं तरह से माना जा सकता है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़े पैमाने पर घपलेबाजी की गई है।
खंड विकास अधिकारी ने साधी चुप्पी
इस पूरे मामले पर विकासखंड के अधिकारी बोलने से बचते दिखाई पड़ते हैं। इस प्रकार की घटनाएं इस बात को प्रदर्शित कर देती हैं कि आज भी कच्चे मकान की संख्या अधिक है। पूर्व एवं वर्तमान में गांव के ग्राम प्रधानों द्वारा अपने चुनिंदा लोगों को ही आवास योजना मुहैया कराई जाती है। कहीं ना कहीं हर बार तहसील दिवस, समाधान दिवस से लेकर अधिकारियों की चौखट तक आवास योजना के लिए लाभार्थी चक्कर काटते रहते हैं।