UP के इन बड़े अधिकारियों को हुआ कोरोना, अब ऐसी है हालत

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद एंटीजन टेस्ट में उन्हें कोरोना होने की पुष्ट हुई है। उनका नमूना आरटीपीसीआर जांच के लिए भी भेजा गया है।

Update:2020-11-03 11:11 IST
UP के इन बड़े अधिकारियों को हुआ कोरोना, अब ऐसी है हालत (Photo by social media)

लखनऊ: यूपी में कोरोना का कहर अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। पिछले छह महीने से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उन्हे इलाज के लिए पीजीआई में एडमिट कराया गया है। इसके अलावा कानपुर के डीएम आलोक तिवारी भी कोरोना की चपेट में आ गए हैं। उनके पूरे परिवार को कोरोना हुआ है।

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अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद एंटीजन टेस्ट में उन्हें कोरोना होने की पुष्ट हुई है

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद एंटीजन टेस्ट में उन्हें कोरोना होने की पुष्ट हुई है। उनका नमूना आरटीपीसीआर जांच के लिए भी भेजा गया है। एक-दो दिनों से उन्हें हल्का बुखार व गले में खराश जैसी दिक्कतें थीं। इस पर उन्होंने सिविल अस्पताल में एंटीजन टेस्ट कराया। तो उनकी कोरोना वायरस रिपोर्ट पाजिटिव आई है। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए एसजीपीजीआई लखनऊ में भर्ती कराया गया है। उनके संपर्क में आए लोगों के नमूने भी लिए जा रहे हैं।

डीएम आलोक तिवारी का पूरा परिवार होम आइसोलेसन में है

वहीं कानपुर के डीएम आलोक तिवारी और परिवार के दो सदस्य पाये गए कोरोना सवंमित हो गए हैं। उनका इलाज कराया जा रहा है। डीएम ने अपने काम की जिम्मेदारी सीडीओ को सौंप दी है। फिलहाल डीएम आलोक तिवारी का पूरा परिवार होम आइसोलेसन में है। वहीं 2012 के पीसीएस अधिकारी एवं सरोजनीनगर के उप जिलाधिकारी भी कोरोना पाजिटिव पाए गए हैं। त्रिपाठी की मां की भी तबियत खराब चल रही है। कोरोना के चलते जब लाकडाउन था तभी उनकी पत्नी की कोरोना से मौत हो गयी थी।

तीन महीने पहले कानपुर के कमिश्नर राजशेखर भी कोरोना से प्रभावित हो चुके हैं। जबकि कोरोना की चपेट में आए उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस सुशील कुमार मौर्य का सितम्बर महीने में निधन हो गया था।

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प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा

उधर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि कोविड से होने वाली मौतों की गहराई से समीक्षा की जाये तथा इसके निष्कर्षों से सीख लेकर भविष्य में होने वाली परिहार्य मृत्यु पर रोक लगाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि गुणात्मक उपचार, उपयुक्त सर्विलांस तथा उपचार में विलंब की रोकथाम से जिन्दगियां बचाई जा सकती हैं। इसके अलावा होम आइसोलेशन में रखे गये मरीजों का नियमित अनुश्रवण किया जाये तथा निर्धारित व्यवस्थानुसार पहले, चौथे व सातवें दिन मरीजों के यहां विजिट किया जाये। उन्होंने कहा कि यह हर हाल में सुनिश्चित किया जाये कि कोविड-19 से किसी व्यक्ति की मृत्यु होम आइसोलेशन के दौरान न हो तथा लक्षण आते ही उसे तत्काल हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाये।

श्रीधर अग्निहोत्री

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