बड़ी खबर: कानपुर अपहरण में खुलासा, मरने के बाद पुलिस ने दिला दी 30 लाख फिरौती

लैब असिस्टेंट के अपहरण होने पर पुलिस के संज्ञान में आने के बाद भी अपरहरण कर्ताओं को 30 लाख रूपए की फिरौती दिलवा दी गयी और इसके बावजूद बदमाशों ने लैब असिस्टेंट की हत्या कर दी। इन सब के बीच अब पीड़ित परिवार ने पुलिस पर आरोप लगाए हैं।

Update: 2020-07-24 05:46 GMT

कानपुर: विकास दुबे कांड में 'खाकीधारी मुखबिरों' और गैंगेस्टर के एनकाउंटर पर उठे सवालों के बाद अब एक बार फिर कानपुर पुलिस आरोपों से घिर गयी है। यहां एक लैब असिस्टेंट के अपहरण होने पर पुलिस के संज्ञान में आने के बाद भी अपरहरण कर्ताओं को 30 लाख रूपए की फिरौती दिलवा दी गयी और इसके बावजूद बदमाशों ने लैब असिस्टेंट की हत्या कर दी। इन सब के बीच अब पीड़ित परिवार ने पुलिस पर आरोप लगाए हैं।

कानपुर में लैब असिस्टेंट का अपहरण

मामला कानपुर जिले का है, जहां 22 जून को कुछ अज्ञात बदमाशों लैब असिस्टेंट संजीत यादव का अपहरण कर लिया था। इसके बाद उसके परिजनों से 30 लाख की फिरौती मांगी गयी। परिजनों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। लैब असिस्टेन्स को बचाने के लिए परिजन चौकी प्रभारी, थानेदार से लेकर पुलिस अधीक्षक तक के चक्कर लगाते रहे।

पुलिस के कहने पर दी अपहरणकर्ताओं को 30 लाख की फिरौती:

वहीं पुलिस ने पीड़ित को बचाने का आश्वासन देते हुए परिजनों से फिरौती की रकम बदमाशों को देने को बोला। परिजनों ने किसी तरह जुगाड़कर 30 लाख रुपये एकत्र किये और अपरहरणकर्ताओं को फिरौती भी दे दी। हालाँकि इसके बाद भी लैब असिस्टेंट को अपहरणकर्ताओं ने नहीं छोड़ा।

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फिरौती के बाद लैब असिस्टेंट की हत्या:

बाद में गुरूवार की देर रात पुलिस ने कुछ युवकों को पकड़ा तब लैब असिस्टेंट की हत्या का खुलासा हुआ। जानकारी के बाद परिजनों में हड़कंप मच गया। उन्होंने इस पूरे मामले में पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया।

असिस्टेंट की हत्या को लेकर पुलिस पर लगे ये आरोप:

मृतक संजीत की बहन ने आरोप लगाया कि थानेदार, चौकी प्रभारी और पुलिस अधीक्षक उसके भाई की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। परिजनों ने कहा कि हमने फिरौती वाले बैग में पुलिस से चिप लगाने को कहा था, ताकि अपहरणकर्ताओं की लोकेशन ट्रैक की जा सके लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया। हमसे तीस लाख की फिरौती दिलाई और संजीत को बचाया भी नहीं, ना ही अपराधियों को पकड़ पाई। संजीत की बहन ने मांग की है कि पुलिस अधिकारियों को जेल भेजा जाएं।

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असिस्टेंट के साथियों ने की किया था अपहरण:

वहीं मामले में एसएसपी दिनेश कुमार पी ने जारी बयान में कहा कि संजीत के अपहरण के मामले में उसके ही कुछ साथियों को पकड़ा गया था। उसकी हत्या 26-27 जून को ही की जा चुकी थी। वहीं हत्या के बाद फिरौती मांगी गई।

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