Kanpur News: प्रदूषण और ध्वनि से बढ़ रहा शहरवासियों को खतरा, हर दसवां वाहन घोल रहा जहर

Kanpur News: एआरटीओ प्रवर्तन मानवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि ध्वनि प्रदूषण रामादेवी पर दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों में मानक से अधिक ध्वनि निकलती है। साल में चार या पांच बार केवल प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के लिए अभियान चलाता है।

Update:2023-08-29 11:07 IST
Kanpur News (photo: social media )

Kanpur News: बिना पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के शहर में दौड़ रहे 1.34 लाख वाहन, जो फेफड़ों के दुश्मन बने हुए हैं। छोटे बड़े वाहनों के हॉर्न शहरियों का कान फोड़ रहे है। खतरा शहर में सबसे अधिक रामादेवी चौराहे पर है। खतरे का मतलब ध्वनि प्रदूषण से है। यह बात ट्रैफिक और परिवहन विभाग के संयुक्त सर्वे और चालान से साबित होती है। हर महीने औसतन डेढ़ सौ चालान वाहनों के साइलेंसर से निकलने वाली तेज ध्वनि में होती है।

एआरटीओ प्रवर्तन मानवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि ध्वनि प्रदूषण रामादेवी पर दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों में मानक से अधिक ध्वनि निकलती है। साल में चार या पांच बार केवल प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के लिए अभियान चलाता है।50 फीसदी वाहन प्रदूषण के जिम्मेदार आरटीओ और ट्रैफिक के प्रदूषण में होने वाले चालानों में 50 फीसदी तो वहीं ध्वनि प्रदूषण के होते हैं।45 फीसदी वायु प्रदूषण और पांच फीसदी चालान टायरों में बरसाती नहीं होने पर जिसके कारण धूल फैलती है।

बिना किसी प्रमाणपत्र के चल रहे वाहन

लाखों वाहन बिना प्रदूषण प्रमाणपत्र के चल रहे हैं। इनमें अधिकतर दो पहिया वाहन हैं। जिला प्रशासन के निर्देश पर स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम में वाहनों की फीडिंग के दौरान हुआ। जिले में लगभग 17 लाख वाहन रजिस्टर हैं। ऐसे में हर दसवां वाहन फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है। दोपहिया,चौपहिया, एक साल बाद वाहनों को हर छह महीने में चेकिंग के बाद प्रदूषण प्रमाण पत्र जारी कराना होता है।

ऑनलाइन कटेगा चालान

परिवहन अफसरों ने बताया कि स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम में जब वाहनों का पूरा ब्योरा फीड हो जाएगा तो चौराहों पर सिग्नल सिस्टम भी काम करने लगेगा। वे वाहन जिनका प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं बना होगा। उनका ऑनलाइन चालान होगा।

प्रदूषण न होने पर 10000 के चालान का प्रावधान

एआरटीओ प्रवर्तन मानवेंद्र सिंह ने बताया कि दोपहिया से दस टायरा कामर्शियल वाहन में उसके पास प्रदूषण प्रमाणपत्र नहीं है।तो वाहन पर दस हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। दोबारा पकड़े जाने पर परमिट या रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट निलंबित हो सकता है।

70 से 80 फीसदी वाहन बिना प्रमाण पत्र के जिले में बिना प्रदूषण प्रमाणपत्र के दौड़ रहे है। जिसमें सबसे ज्यादा दोपहिया हैं। एक नजर में ब्योरा,कुल प्रदूषण जांच सेंटर 31,कार्यशील 23,दोपहिया का शुल्क 55 रुपये,चौपहिया शुल्क 105 रुपये वहीं जीएसटी व सर्विस चार्ज अलग से है।

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