Anwarganj Station: अब कानपुर में दो मंजिला भौकाली बनेगा अनवरगंज रेलवे स्टेशन, ये होंगी सुविधाएं
Anwarganj Station: तीन साल पहले ट्रैक का चरणवार विद्युतीकरण भी हो चुका है। अब इस रूट पर मेल, एक्सप्रेस ट्रेनें विद्युत चालित हैं।
Kanpur Anwarganj Station: शहर का सबसे पुराना और ब्रिटिशकालीन अनवरगंज स्टेशन करीब 144 साल बाद नया बनेगा। कानपुर सेंट्रल के बाद शहर का दूसरा स्टेशन अनवरगंज होगा, जो दो मंजिला होगा। भूतल पर यात्रियों से जुड़े तो पहली मंजिल पर प्रशासनिक दफ्तर होंगे। रेलवे की अमृत स्टेशन योजना के तहत चयनित अनवरगंज स्टेशन के बनाने का काम उत्तर मध्य रेलवे ने शुरू करा दिया है। इस पर करीब 16 करोड़ खर्च होंगे।
ये होंगे काम (भूतल पर)
- प्लेटफार्म नंबर दो और तीन की लंबाई 24 कोच के बराबर
- पे एंड यूज टॉयलेट, चार विश्रामालय भूतल पर
- आरपीएफ थाना, जीआरपी चौकी, इंक्वायरी भूतल पर
- दो प्रतीक्षालय और क्लार्क रूम भूतल पर होगा
- वीआईपी लाउंज पहली मंजिल पर बनेगा
- जनरल और रिजर्वेशन काउंटर भी
पहली मंजिल पर
- स्टेशन अधीक्षक के अलावा कॉमर्शियल कंट्रोल
- उप स्टेशन अधीक्षक परिचालन पहली मंजिल पर
- वीआईपी रिटायरिंग रूम
- कॉन्फ्रेंस हॉल के साथ पार्सल, लगेज बुकिंग सेंटर
- अन्य सभी तरह के प्रशासनिक और चिकित्सीय कक्ष
1880 में बना था अनवरगंज
रेलवे रिकॉर्ड के तहत अनवरगंज स्टेशन वर्ष 1880 में बना था। तब अनवरगंज से कन्नौज तक ही ट्रेनें चलती थीं। समय के साथ अब अनवरगंज स्टेशन फर्रुखाबाद, मुंबई, दिल्ली, कन्नौज, बरेली, लालकुआं स्टेशनों से भी जुड़ गया है।
2005 में हुआ था आमान परिवर्तन
अनवरगंज से फर्रुखाबाद रेलमार्ग का वर्ष 2005 में आमान परिवर्तन हुआ था। इसके बाद तीन साल पहले ट्रैक का चरणवार विद्युतीकरण भी हो चुका है। अब इस रूट पर मेल, एक्सप्रेस ट्रेनें विद्युत चालित हैं।
धार्मिक नगरी बिठूर से भी कनेक्ट
अनवरगंज की ट्रैक के जरिए धार्मिक नगरी बिठूर से भी कनेक्टिविटी है। दो जोड़ी मेमू भी चलती हैं। 2005 में आमान परिवर्तन के बाद बिठूर रेल मानचित्र से कट गया था। बाद में पैरोकारी के चलते फिर जुड़ गया है।