Kanpur News: चर्च में चल रहा था धर्म परिवर्तन का खेल, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने काटा बवाल, जांच में जुटी पुलिस

Kanpur News: अवैध धर्मांतरण की जानकारी जब बजरंग दल जैसे हिंदू संगठनों के पास पहुंची तो उन्होंने बवाल काट दिया। बड़ी संख्या में बजरंगी उस चर्च के सामने पहुंचे और विरोध-प्रदर्शन किया।

Update: 2023-06-25 03:54 GMT
प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोशल मीडिया)

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर से लगातार अवैध तरीके से धर्मांतरण कराने के मामले सामने आते रहे हैं। बीते वर्षों में हिंदू संगठनों द्वारा ऐसे कई मामले उजागर किए गए, जिसमें चर्च और ईसाई मिशनरियों द्वारा हिंदू धर्म के गरीब तबके को प्रलोभन देकर उनका धर्म बदला गया। हाल-फिलहाल में एक और मामला सामने आया है। ताजा मामला शहर के कर्नलगंज थाना क्षेत्र का है, जहां के एक चर्च पर प्रार्थना के बहाने लोगों का धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगा है।

अवैध धर्मांतरण की जानकारी जब बजरंग दल जैसे हिंदू संगठनों के पास पहुंची तो उन्होंने बवाल काट दिया। बड़ी संख्या में बजरंगी उस चर्च के सामने पहुंचे और विरोध-प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने चर्च के पादरी पर हिंदू धर्म के गरीब लोगों को लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया। हिंदू संगठन ने कार्यकर्ताओं ने थाने में भी जमकर प्रदर्शन किया।

इसके बाद कर्नलगंज थाने की पुलिस ने मामले की जांच कर दोषियों के विरूद्ध उचित कार्रवाई का भरोसा देकर उग्र कार्यकर्ताओं को शांत किया। पुलिस ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी। चर्च के पादरी और अन्य लोगों से पूछताछ की तैयारी की जा रही है।

धर्मांतरण के खिलाफ बना है सख्त कानून

हाल के वर्षों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें धर्मांतरण के पीछे एक पूरा संगठित गिरोह पकड़ा गया है। जिसके निशाने पर हिंदू धर्म के गरीब और कथित निचले तबके के लोग होते हैं। आर्थिक तंगी से परेशान और सामाजिक भेदभाव के कारण वे आसानी से धर्मांतरण के कुटिल जाल में फंस जाते हैं। इसके अलावा लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाकर उनका धर्म बदलने के मामले भी सामने आते रहे हैं।

हिंदू संगठन लगातार धर्मांतरण के खिलाफ कठोर कानून की मांग करते रहे हैं। जिसे देखते हुए यूपी सरकार ने 27 नवंबर 2020 को धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम लागू किया था। इस कानून में बेहद सख्त सजा के प्रावधान किए गए हैं। दोषियों को आर्थिक दंड के साथ-साथ 10 साल तक की सजा का प्रावधान भी है। इसके अलावा अगर किसी शादी का उद्देश्य किसी महिला का केवल धर्म परिवर्तन कराने का है तो कानून के मुताबिक ऐसी शादियों को अवैध माना जाएगा। इतने सख्त कानून होने के बावजूद प्रदेश में लगातार धर्मांतरण के मामले सामने आ रहे हैं।

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