Kanpur News: कोहरे ने रोकी ट्रेन और वाहनों की रफ्तार, ठंड से आम जनमानस का जीना हुआ मुहाल

Kanpur News: कोहरे के कारण लंबी रूट की ट्रेनें करीब दस दस घंटे लेट हो रही हैं। जिससे यात्रियों को काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

Report :  Anup Pandey
Update: 2023-12-28 05:54 GMT

कानपुर में छायी कोहरे की धुंध (Newstrack)

Kanpur News: उत्तर प्रदेश में पारे का ग्राफ लगातार नीचे गिरता जा रहा है। सोमवार रात से गुरूवार की सुबह तक प्रदेश में पारा नीचे गिरते जा रहा है। मौसम विभाग ने ठंड और बढ़ने व प्रदेश के अन्य जिलों में पारा गिरने व कोहरा बढ़ने के आसार जताए हैं। बर्फीले इलाके में बर्फ गिरने के कारण ठंड बढ़ गई है। जिससे पूरा यूपी शीतलहर की चपेट में है। कोहरे और गलन से जनजीवन बेहाल हो गया है। सोमवार से लेकर बुधवार तक कोहरा अपनी चादर बिछाए रहा तो वहीं बुधवार को देर शाम से ही कोहरा पड़ने लगा। कानपुर सबसे ठंडा शहर रहा।

ट्रेनें हो रहीं लेट 

कोहरे के कारण लंबी रूट की ट्रेनें करीब दस दस घंटे लेट हो रही हैं। जिससे यात्रियों को काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, दो पहिया वाहन से लेकर चार पहिया वाहन भी सड़को पर लाइट जलाकर चल रहे हैं। कानपुर में कोहरा देर रात करीब दस बजे से पड़ने लगा तो सुबह करीब 11 बजे तक रहा है। जिससे सुबह ड्यूटी जानें वालों को काफ़ी समस्या हो रही है।


अधिकतर जिलों में स्कूल की हो गई छुट्टी

ठंड के चलते स्कूलों में छुट्टी बोल दी गई है। लेकिन, कानपुर में अभी कोई आदेश नहीं हुआ है। जिससे बच्चों के साथ अभिवावकों को काफ़ी समस्या उठानी पड़ रही है। कोई ऐसी ठंड को देख अपने बच्चें को बीमारी से बचाना चाहता है तो कोई ठंड से बचना चाहता है।

बढ़ सकती है आंखों में जलन

डॉक्टरों के अनुसार घने कोहरे में ओस के साथ-साथ पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) के कण होते हैं। जो फेफड़े में पहुंच सकते हैं। इससे खांसी, जुकाम व सांस लेने में परेशानी हो सकती है। अस्थमा व ब्रांकाइटिस के मरीजों की परेशानी बढ़ सकती है। इसके अलावा आंखों में जलन हो सकती है। इसलिए घने कोहरे के बीच घर से बाहर न निकलें।

कोहरा बन रहा हादसा की वजह

कोहरे के कारण वाहनों चालकों को रास्ता नहीं दिख रहा है। जिससे वाहन चालकों को गाड़ी चलाने में काफ़ी समस्या आ रही है और यह समस्या हादसे में तब्दील हो जा रही है। बीते दिनों में कानपुर के साथ अन्य जिलों में कोहरे के कारण काफी हादसे देखने को मिले है। जिसमें एक दर्जन से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। 

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