Kanpur News: गैंगरेप से दहला कानपुर! खून से सना था बिस्तर और टूटी थी कई हड्डियां, मामले को छिपाती रही पुलिस
Kanpur Gang Rape News: काकादेव के गर्ल्स हॉस्टल में महिला वार्डन की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने पुलिस के झूठ का खुलासा कर दिया है। वार्डन के सहयोगी टिफिन सप्लाई करने वाले अर्जुन यादव उर्फ कुलदीप ने ये पूरा कारनामा किया।
Kanpur News: पुलिस की कार्यवाही फिर एक बार झूठ साबित हुई। इसका खुलासा पोस्टमॉर्टम में हुआ। काकादेव के गर्ल्स हॉस्टल में महिला वार्डन की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने पुलिस के झूठ का खुलासा कर दिया है। वार्डन के सहयोगी टिफिन सप्लाई करने वाले अर्जुन यादव उर्फ कुलदीप ने ये पूरा कारनामा किया। आरोपी ने नशे में धुत होने के बाद निर्वस्त्र करके रेप करने के बाद सिर पर किसी भारी चीज से हत्या कर दी। वहीं पुलिस इस हत्या को बीमारी का रुप दे रही थी। पुलिस अफसर बीमारी से मौत की बात कहकर मामले को दबाते रहे। नाबालिग बेटी का भी कहना था कि मेरी मां की रेप के बाद हत्या की गई है।
काकादेव थाना क्षेत्र का मामला
काकादेव कोचिंग मंडी छपेड़ा पुलिस के पास महेंद्र गुप्ता का निजी गर्ल्स हॉस्टल है। इसमें करीब 28 लड़कियां रहकर पढ़ाई करती थीं। 35 वर्षीय महिला वार्डन दो बच्चों के साथ चौथी मंजिल पर बने टीन शेड में रहती थी। जो हॉस्टल का देख रेख का काम करती थी।13 नवंबर को महिला खून से लथपथ कमरे में मिली। परिवार के लोगों ने उसे हैलट में एडमिट कराया था। जहां देर रात महिला वार्डन की मौत हो गई। जहां पुलिस टीम और डॉग स्क्वायड पहुंचा था। लेकिन जांच के बाद थाना प्रभारी मानवेंद्र सिंह से लेकर एडीसीपी आरती सिंह और डीसीपी प्रमोद कुमार ने दावा किया था कि महिला की मौत पीरिएड के दौरान ओवरब्लीडिंग से हुई है।
पोस्टमॉर्टम में हुआ खुलासा
वार्डन के शव का पोस्टमॉर्टम हुआ तो मामला कुछ और ही निकला। महिला का रेप फिर धारदार हथियार से हमला किया गया। भारी वस्तु से हमला और बेरहमी से पिटाई करके वार्डन की हत्या कर दी गई। चेहरे और बॉडी पर 10 से ज्यादा चोट के निशान मिले हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आते ही पुलिस के झूठ का खुलासा हो गया। काकादेव थाना प्रभारी मानवेंद्र सिंह ने आनन-फानन में हत्या की एफआईआर में रेप की धारा बढ़ाई। वहीं आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब गुरुवार को महिला के हत्यारोपी अर्जुन यादव उर्फ कुलदीप को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा जाएगा।
प्रत्यक्षदर्शी मृतक वार्डन की 14 साल की बेटी थी। जब वह कमरे पर पहुंची तो उसके सामने से हत्यारोपी अर्जुन बदहवास हालत में कमरे से निकला और भाग गया। उसकी शर्ट खून से सनी हुई थी। दोनों हाथ में भी खून था। बेटी शोर मचा कर कह रही थी कि मेरी मां के साथ कुछ गलत हुआ है। उसकी हत्या की गई है। लेकिन पुलिस ने उसकी एक भी नहीं सुनी।
पुलिस ने किया मामले का खुलासा
काकादेव में महिला की हत्या के खुलासे के सम्बन्ध में अपर पुलिस उपायुक्त सेन्ट्रल ने बताया कि घटना की सूचना पर पुलिस व आलाधिकारी मौके पर पहुंचे थे। वहीं घटना स्थल का मुआयना किया। तहरीर के आधार पर 302 का मुकदमा दर्ज़ किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने 376 ए की धारा बढ़ाई। पुलिस ने बताया कि मृतका की बेटी के मुताबिक चार लोग आए थे। साक्ष्य के आधार पर एक की गिरफ्तारी हो गई है जबकि तीन लोगों को गिरफ्त में लेकर पूछताछ जारी है। जिसमें से दो लोग बेटी को अपने साथ किसी काम के बहाने से ले गए थे। अभी तक सीसीटीवी सीडीआर की मदद ली जा रही है। कमरे में पार्टी की गई है, जहां शराब की बोतल और दीवाल पर खून के निशान मिले है। हत्या के बाद आरोपी एक एक करके बाहर निकले है।
क्या मृतका के साथ हुआ है गैंगरेप
पुलिस ने बताया कि महिला के कमरे से एक एक करके चार लोग निकले है। क्या पार्टी, रेप फिर हत्या के बाद आरोपी एक एक करके निकले है। क्या चारों लोगों ने नशा कर महिला को मारने का काम किया है। फिर किसी को पता न चले तो एक एक करके निकल गए।
घटना में दिखी थानेदार की लापरवाही
पूरी घटना में काकादेव थाना प्रभारी की लापरवाही दिखी। परिजनों के बताने के बाद भी थानेदार अपने अलग ही बयान देते नजर आए। शरीर से निकला खून थानेदार को महिला की मासिक बीमारी का दिखा। और बीमारी का बहाना बताते अपने आप को बचाते नजर आए। वहीं थाने दार की लापरवाही को देख पुलिस अधिकारी बोलने से कतराते नजर आए।
परिवार को था पोस्टमार्टम का इंतजार
पोस्टमॉर्टम होने के बाद रिपोर्ट आने पर परिवार के लोगों का पुलिस के खिलाफ काफी गुस्सा भरा है। मृतका की बेटी, भाई और परिवार के लोगों ने पुलिस पर हत्याकांड को छिपाने और उनका सहयोग नहीं करने के लिए गुस्से में दिख रहे है।
साक्ष्य को छिपा रही थी पुलिस
एडीसीपी सेंट्रल आरती सिंह ने बयान जारी किया कि प्राथमिक जांच में बीमारी से मौत लग रही है, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। थाना प्रभारी मानवेंद्र सिंह बताया कि महिला ने ब्लीडिंग होने के दौरान गर्मी के चलते अपने कपड़े उतार दिए थे। वहीं थानेदार ने कहा कि कपड़े और चादर में खून था। सफाई के दौरान छींटे पड़ गई होगी। बाहरी व्यक्ति के सामने महिला ने कपड़े क्यों उतारे तो थाना प्रभारी का कहना था आरोपी अर्जुन यादव उर्फ कुलदीप बहुत घरेलू सदस्य की तरह था।
बेटी ने बताई घटना का दास्तान
बेटी ने बताया कि 13 नवंबर की दोपहर 1.30 बजे अर्जुन यादव हमारे घर आया। उसके साथ में दोस्त रोहित यादव, भाई रिंकू यादव और चिंटू तिवारी थे। त्योहार के चलते मां ने सबको नाश्ता व मिठाई खिलवाई। फिर कुछ देर बाद अर्जुन यादव ने मुझे अपने दोस्त रोहित यादव व रिंकू यादव के साथ बहाने से घर के बाहर भेज दिया। वापस लौटने पर देखा कि हॉस्टल का मेन गेट अंदर से बंद है। घर की घंटी बजाई अर्जुन यादव ने जवाब दिया कि 10 मिनट बाद आना। फिर रोहित यादव और रिंकू यादव मुझे दुबारा घुमाने ले गए।
हॉस्टल में रहने वाली नेहा सिंह ने मां के नंबर पर फोन किया। फोन अर्जुन यादव ने उठाया और कहा कि जिनका फोन है वह सो रही हैं। इसके बाद नेहा ने सख्ती से कहा और हंगामा शुरू किया तो मां के साथ अंदर मौजूद अर्जुन उर्फ कुलदीप यादव ने दरवाजा खोल दिया। मेरी मां बिना कपड़ों के घर के बिस्तर पर थीं और पूरे बिस्तर पर बल्ड था। आस-पास दीवार पर बल्ड के छींटे थे। मैंने तुरन्त अपने भाई कुलदीप दुबे को फोन किया और पड़ोसियों व हॉस्टल संचालक की सहायता से मां को हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे।