Kanpur News: ठंड में बढ़ी डायबिटीज और टीबी की चुनौती, कानपुर के अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा
Kanpur News: डायबिटीज एक क्रॉनिक बीमारी है, जो शरीर की ऊर्जा बनाने की प्रक्रिया को प्रभावित करती है, जबकि टीबी शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर कर देती है। इस संयोजन के कारण, ठंड के मौसम में डायबिटीज के मरीजों में टीबी होने का खतरा 2 से 4 गुना बढ़ जाता है।
Kanpur News: कानपुर में कड़ाके की ठंड के कारण स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि हो रही है, विशेषकर डायबिटीज और टीबी (क्षय रोग) से पीड़ित मरीजों की संख्या में। रावतपुर स्थित मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल में ठंड के मौसम के दौरान डायबिटीज से ग्रस्त मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। ठंड के मौसम में इन मरीजों को सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द, खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।
अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार, हाल ही में आए मरीजों में से 7 से 8 प्रतिशत कंट्रोल डायबिटीज के और 10 से 12 प्रतिशत अनकंट्रोल डायबिटीज के मरीज हैं। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट हो रहा है कि ठंड के मौसम में डायबिटीज के मरीजों के स्वास्थ्य में गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। इसके अलावा, अस्पताल में यह भी देखा जा रहा है कि अनकंट्रोल डायबिटीज वाले मरीजों में टीबी के लक्षण भी दिखाई दे रहे हैं और उनकी जांच रिपोर्ट में टीबी की पुष्टि हो रही है।
मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार वर्मा ने बताया कि डायबिटीज एक क्रॉनिक बीमारी है, जो शरीर की ऊर्जा बनाने की प्रक्रिया को प्रभावित करती है, जबकि टीबी शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर कर देती है। इस संयोजन के कारण, ठंड के मौसम में डायबिटीज के मरीजों में टीबी होने का खतरा 2 से 4 गुना बढ़ जाता है। साथ ही, टीबी के मरीजों में डायबिटीज होने की संभावना भी बढ़ जाती है। डॉ. वर्मा के अनुसार, डायबिटीज इम्यूनिटी को कमजोर करने का एक प्रमुख कारण है, जिसके परिणामस्वरूप टीबी का खतरा बढ़ जाता है। जब डायबिटीज नियंत्रण में नहीं रहती, तो यह शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता को और कमजोर कर देती है, जिससे टीबी का संक्रमण तेजी से फैल सकता है। बुखार और खांसी के दौरान खून आना डायबिटीज के मरीजों में सामान्य हो सकता है, जो कि टीबी के संक्रमण का संकेत हो सकता है। ऐसे मरीजों में फेफड़ों से संबंधित समस्याएं अधिक पाई जाती हैं।
इस सर्दी में, डायबिटीज और टीबी के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। डॉ. वर्मा ने कहा कि ठंड के मौसम में जुकाम, बुखार, खांसी और फ्लू के संक्रमण से बचने के लिए मरीजों को अपनी दवाइयां नियमित रूप से लेनी चाहिए और खानपान में सावधानी रखनी चाहिए। ठंड से बचाव के लिए उचित उपायों को अपनाना चाहिए, क्योंकि यह मौसम फेफड़ों की टीबी के मरीजों के लिए ज्यादा घातक हो सकता है।
स्वस्थ रहने के लिए, डॉ. वर्मा ने मरीजों को आहार में दालें, फलियां, मौसमी फल और हरी सब्जियों को शामिल करने की सलाह दी है। इसके अलावा, हल्का व्यायाम, योग और प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करना भी फायदेमंद हो सकता है। इस प्रकार, सर्दी के मौसम में डायबिटीज और टीबी के मरीजों को विशेष देखभाल और सतर्कता बरतने की आवश्यकता है, ताकि उनका स्वास्थ्य बेहतर रहे और वे संक्रमण से बच सकें।